तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवाना ने टाइमपास के लिए मांगा आईपॉड और FM रेडियो
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर नीरज बवाना ने टाइम पास के लिए आईपॉड, FM रेडियो और सेहत के लिए घर पर बने मांसाहारी खाने की मांग की है। उसने जेल अधिकारियों को बताया कि क्योंकि उसे तिहाड़ जेल में अलग से एकांत में रखा गया है इसलिए उसे इन सब चीजों की जरूरत है। गौरतलब है कि अप्रैल, 2015 में पुलिस के हत्थे चढ़ने से पहले बवाना दिल्ली का मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर था।
नियमों के मुताबिक, कैदियों को नहीं मिल सकती सुविधाएं
बवाना की इन मांगों के जवाब में जेल प्रशासन ने कहा है कि नियमों के मुताबिक, जेल में बंद किसी भी कैदी को भी ऐसी चीजों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। वह जेल में कैदियों द्वारा चलाए रहे रेडियो को सुन सकता है।
छोटा राजन और शहाबुद्दीन के साथ सेल में बंद है बवाना
कुल 400 एकड़ में फैले तिहाड़ जेल में फिलहाल लगभग 17,000 कैदी बंद है, लेकिन बवाना को दो नंबर जेल में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और गैंगस्टर से राजनेता बने मोहम्म शहाबुद्दीन के साथ अलग सेल में रखा गया है। इन तीनों को आपस में या दूसरे कैदियों से बात करने की इजाजत नहीं है। राजन 2011 में हुए पत्रकार ज्योतिर्मय डे हत्याकांड और शहाबुद्दीन 2004 में हुए डबल मर्डर केस में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं।
टेलीविजन और टेलीफोन भी मांग चुका है बवाना
बवाना को पहले एक नंबर जेल में रखा था, लेकिन बाद में उसे उच्च स्तर की सुरक्षा वाली दो नंबर जेल में स्थानांतरित किया गया। तब दिल्ली पुलिस ने जेल अधिकारियों को बताया था कि एक नंबर जेल से बवाना अपनी गैंग के दूसरे लोगों के संपर्क में था। आईपॉड और FM की मांग से पहले बवाना ने टेलीविजन और टेलीफोन की मांग की थी। इसे लेकर उसने कोर्ट में भी याचिका दायर की थी।
दाऊद को अपना आदर्श मानता है बवाना
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को अपना आदर्श मानने वाले बवाना ने 18 साल की उम्र में अपनी पहली लूट को अंजाम दिया था। इसके बाद दिल्ली के अंडरवर्ल्ड का बादशाह बनने की चाहत में बवाना दाऊद के लिए काम करने वाले फजल-उर-रहमान से मिला। बाद में दोनों गिरफ्तार हो गए और जेल में कुछ महीनों तक साथ रहे। रहमान ने उसे दाऊद की कहानियां बताकर वसूली के धंधे में उतरने को उकसाया।
बवाना पर दर्ज है 40 से ज्यादा मामले
दिल्ली पुलिस के डॉजियर के मुताबिक, बवाना पर वसूली, जमीन पर कब्जा, हत्या, हत्या की कोशिश समेत 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। विदेशों में बने पिस्तौल इस्तेमाल करने वाला बवाना उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में अपराधों को अंजाम देता था। उसकी गैंग में 100 से ज्यादा लोग शामिल थे, जिनमें से 40 को पिछले एक साल में सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।