आखिरकार कर्नाटक में हुआ कैबिनट का गठन, येदियुरप्पा की 17 सदस्यीय टीम में पूर्व मुख्यमंत्री शामिल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। 17 मंत्रियों की अपनी कैबिनेट में उन्हें एक पूर्व मुख्यमंत्री और दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों को शामिल किया है। राज्यपाल वजूभाई वाला ने सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई। कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) की सरकार गिरने के बाद मुख्यमंत्री बने येदियुरप्पा बिना कैबिनेट के ही सरकार चला रहे थे और इसके लिए विपक्ष ने उन पर कई बार निशाना भी साधा था।
इन्हें मिली कैबिनेट में जगह
येदियुरप्पा ने सोमवार को जिन 17 मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में जगह दी, उनमें 2012 से 2013 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे जगदीश शेट्टर का शामिल है। इसके अलावा दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों आर अशोक और केसी ईश्वरप्पा को भी मंत्री पद दिया गया है। 17 मंत्रियों में से 15 विधायक हैं, जबकि 1 MLC (श्रीनिवास पुजारी) और एक अनिर्वाचित सदस्य (लक्ष्मण सावदी) को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। शशिकला जोली कैबिनेट में शामिल एकमात्र महिला हैं।
26 जुलाई को ली थी येदियुरप्पा ने शपथ
बता दें कि जुलाई में कर्नाटक में 17 विधायकों के इस्तीफे से शुरू हुए सियासी ड्रामे का अंत कांग्रेस और JD(S) की सरकार गिरने पर हुआ था। इसके बाद येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा करते हुए 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 29 जुलाई को वह विधानसभा में ध्वनि मत से बहुमत साबित करने में भी कामयाब रहे। हालांकि कैबिनेट गठन के लिए उन्हें 25 दिन लगे।
भाजपा हाईकमान से हरी झंडी मिलने में हुई देरी
कैबिनेट के गठन में इस देरी का कारण भारतीय जनता पार्टी के हाईकमान के अपने महत्वपूर्ण बिलों को संसद से पारित कराने में व्यस्त होने को बताया जा रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, तीन तलाक बिल, RTI संशोधन बिल आदि को संसद में पेश किया था। अब हाईकमान से कैबिनेट को लेकर हरी झंडी मिलने के बाद येदियुरप्पा ने अपनी कैबिनेट का गठन किया है।
क्या है कर्नाटक विधानसभा की स्थिति?
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का संख्याबल इस समय 209 है। कांग्रेस-JD(S) सरकार गिरने के बाद पूर्व स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गठबंधन के सभी 16 बागी विधायकों और 1 निर्दलीय विधायक की सदस्यता रद्द कर दी थी, जिससे संख्याबल घट गया। इसके बाद बहुमत का आंकड़ा घटकर 105 पर आ गया। भाजपा के पास अभी 105 विधायक ही हैं और फिलहाल के लिए उसकी सरकार सुरक्षित है। हालांकि लंबे वक्त के लिए सरकार चलाने के लिए और सीटनें जीतनी होंगी।