लोकपाल के पास नहीं है स्थायी कार्यालय, हर महीने दे रहा 50 लाख रुपये किराया
क्या है खबर?
क्या आपको पता है कि देश के लोकपाल के पास स्थायी कार्यालय नहीं है और वो अशोका होटल से अपना कामकाज चला रहा है।
इस अस्थायी कार्यालय के लिए लोकपाल को अशोका होटल को हर महीने किराए के तौर पर 50 लाख रुपये देने होते हैं।
एक RTI के जवाब में ये जानकारी सामने आई है। इसमें ये बात भी सामने आई है कि लोकपाल को प्राप्त अब तक किसी भी शिकायत में जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं।
सूचना का अधिकार
किराए के तौर पर अब तक दिए गए तीन करोड़ 85 लाख रुपये
RTI कार्यकर्ता शुभम खत्री ने साल की शुरूआत में RTI दायर कर लोकपाल से उसके कार्यों और शिकायतों के निपटारे की जानकारी मांगी थी।
इस RTI के जवाब में बताया गया है, "लोकपाल अस्थायी तौर पर अशोका होटल से काम कर रहा है। महीने का कुल किराया 50 लाख रुपये है और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) द्वारा निर्धारित किए गए किराए के तौर पर अब तक तीन करोड़ 85 लाख रुपये दिए जा चुके हैं।"
लोकपाल
मार्च में हुई थी देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति
बता दें कि मार्च में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पीसी घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया था।
इसके अलावा लोकपाल में चार न्यायिक और चार गैर-न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति भी की गई थी।
तभी से लोकपाल अशोका होटल की दूसरी मंजिल स्थित अस्थायी कार्यालय से काम कर रहा है और इसके लिए 12 कमरे किराए पर लिए गए हैं। बता दें कि अशोका होटल को सरकार संचालित करती है।
बयान
लोकपाल घोष ने कहा, तय हो गई है स्थायी कार्यालय की जगह
स्थायी कार्यालय के संबंध में जानकारी देते हुए लोकपाल घोष ने कहा, "हमने लोकपाल के स्थायी कार्यालय के लिए जगह ढूढ़ ली है। इसमें कुछ बदलाव किए जाने की जरूरत है और जल्द ही कार्यालय को वहां ले जाया जाएगा।"
शिकायतें
लोकपाल को मिलीं 1160 शिकायतें, किसी में भी नहीं दिए गए जांच के आदेश
इसी RTI के जवाब में सामने आया है कि 31 अक्टूबर तक लोकपाल के पास सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की कुल 1160 शिकायतें आईं लेकिन किसी में भी जांच के आदेश नहीं दिए गए।
इनमें से 1000 शिकायतों पर लोकपाल की बेंच सुनवाई कर चुकी है, लेकिन किसी भी मामले में लोकपाल ने विस्तृत जांच के आदेश नहीं दिए हैं।
खत्री ने इस बात पर हैरानी जताई है कि इतनी शिकायतों में से कोई भी जांच करने लायक नहीं है।
लोकपाल अधिकार क्षेत्र
किस-किस के खिलाफ जांच कर सकता है लोकपाल?
बता दें कि प्रधानमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद और सरकारी कर्मचारी लोकपाल के दायरे में आते हैं और वो उनसे संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री और मंत्री भी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
इसके अलावा लोकपाल को सरकार के पैसे से चलने वाले या संसद के कानून के तहत बने ट्रस्ट, कॉर्पोरेशन और स्वायत्त संस्थाओं के सदस्यों के भ्रष्टाचार की जांच करने का अधिकार भी होता है।