हरियाणा और पंजाब में चार प्रदर्शनकारी किसानों की दिल का दौरा पड़ने से मौत
बीते कुछ घंटों में हरियाणा और पंजाब में अलग-अलग जगहों पर एक महिला समेत चार प्रदर्शनकारी किसानों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। मरने वाले किसानों में तीन पंजाब और एक हरियाणा का रहने वाला था। गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा और पंजाब में कई स्थानों पर प्रदर्शन चल रहे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार को तीनों नए कानून वापस लेने चाहिए।
सिंघु बॉर्डर पर हुई हरियाणा के किसान की मौत
सोमवार रात को हरियाणा के बरोदा के रहने वाले 32 वर्षीय किसान अजय मोर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वो सिंघु बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल थे। वो अपने पीछे परिवार में उनकी तीन बेटियां, पत्नी और माता-पिता को छोड़कर गए हैं। इसी तरह जींद जिले के रहने वाले 58 वर्षीय किताब सिंह चहल की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वो जींद-पटियाला रोड पर चक्का-जाम में भाग ले रहे थे।
पंजाब में प्रदर्शन दौरान महिला की मौत
दूसरी तरफ पंजाब में भी भारत बंद के दौरान दो एक महिला समेत दो किसानों की मौत हो गई। TOI के अनुसार, संगरूर जिले की 70 वर्षीय गुरमेल कौर की मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई। दिल का दौरा पड़ने के बाद कौर को अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और सरकार से 10 लाख मुआवजे की मांग की।
टिकरी बॉर्डर पर पंजाब के किसान की मौत
कौर के अलावा पंजाब के मोगा जिले के रहने वाले मेवा सिंह की हरियाणा-दिल्ली टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान मौत हुई। सोमवार रात को उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई और कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। वो हजारों अन्य किसानों के साथ प्रदर्शन करने के लिए 26 नवंबर को पंजाब से दिल्ली आए थे। बता दें, सिंघु के साथ-साथ भारी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान टिकरी बॉर्डर पर भी डटे हुए हैं।
हरियाणा के विधायक ने किया मुआवजे का ऐलान
महम विधानसभा से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु ने प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं बरोदा से कांग्रेस विधायक इंदूराज नरवाल ने अपनी विधानसभा के किसान अजय मोर के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने सरकार से प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले सभी किसानों के परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।