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निर्दलीय विधायक कुंडू ने खट्टर सरकार से वापस लिया समर्थन, कहा- भ्रष्ट है सरकार

निर्दलीय विधायक कुंडू ने खट्टर सरकार से वापस लिया समर्थन, कहा- भ्रष्ट है सरकार

Feb 28, 2020
06:33 pm

क्या है खबर?

महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। समर्थन वापसी की घोषणा करते हुए कुंडू ने कहा कि मुख्यमंत्री भ्रष्ट सरकार का समर्थन करते हैं इस वजह से उन्होंने यह फैसला लिया है। कुंडू ने खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की थी। बता दें, मनोहर लाल खट्टर निर्दलीय विधायकों और जननायक जनता पार्टी के सहारे सरकार चला रहे हैं।

जानकारी

मुख्यमंत्री ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?

कुंडू के सरकार से समर्थन वापसी के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि वो कुंडू से बात करेंगे। बिना सबूत किसी के खिलाफ जांच के आदेश कैसे दिए जा सकते हैं।

आरोप

कुंडू ने मनीष ग्रोवर पर लगाए थे ये आरोप

कुंडू ने रोहतक के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। कुंडू का कहना था कि सहकारिता मंत्री रहते हुए मनीष ग्रोवर ने शुगर मिल से शीरे का घोटाला किया था। कुंडू ने कहा था कि अगर सरकार ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी तो वो समर्थन वापस ले लेंगे। इसकी जांच के लिए गृह मंत्री अनिल विज ने विशेष जांच टीम (SIT) गठित की थी।

सवाल-जवाब

खट्टर ने कुंडू को दी कोर्ट जाने की सलाह

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को मुख्यमंत्री खट्टर राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान कुंडू ने पूछा कि जब मनीष ग्रोवर का शीरा का व्यापार है तो उन्हें सहकारिता विभाग क्यों दिया? इस पर खट्टर बोले कि किसी पेशे से जुड़े व्यक्ति को ऐसा विभाग देना गलत नहीं है। कुंडू ने कहा कि आप ग्रोवर को क्लीन चिट दे रहे हैं तो जवाब में खट्टर ने कुंडू को कोर्ट जाने को कहा।

बयान

भ्रष्ट सरकार को समर्थन जारी नहीं रख सकता- कुंडू

कुंडू ने अपने फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि SIT की जांच जारी होने के बावजूद मुख्यमंत्री ग्रोवर को क्लीन चिट दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "सदन में मुख्यमंत्री का जवाब सुनकर मैं आहत हूं। मैंने ईमानदार सरकार और मुख्यमंत्री को समर्थन दिया था। मैं ऐसी भ्रष्ट सरकार को समर्थन जारी नहीं रख सकता। मैं मुख्यमंत्री और राज्यपाल को इसकी जानकारी दे दूंगा।" उन्होंने कहा कि ईमानदारी की बात आज केवल भाषण तक सीमित होकर रह गई है।

जानकारी

क्या मंत्री पद नहीं मिलने की कसक निकाल रहे कुंडू?

विधानसभा चुनावों से पहले कुंडू भाजपा के सदस्य थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ा। चुनाव में जीत के बाद उन्हें मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया।

विधानसभा के समीकरण

सरकार पर कोई खतरा नहीं

हरियाणा में भाजपा के 40 विधायक हैं। उसे JJP के 10 और सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल था। ऐसे में खट्टर सरकार को कुल 57 विधायकों का समर्थन था। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है। ऐसे में एक विधायक के जाने के बाद सरकार पर किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। हालांकि, JJP के दो विधायक खट्टर सरकार से नाराजगी जता चुके हैं।