अम्फान: पश्चिम बंगाल में 10 लोगों की मौत, ममता ने बताया कोरोना वायरस से बड़ी आपदा
अम्फान साइक्लोन बुधवार को दोपहर 2:30 बजे के आसपास पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराया। तेज हवाओं और भारी बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अति गंभीर श्रेणी का यह साइक्लोन पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों दिघा और हटिया के बीच से गुजरा था। उस समय हवाओं की रफ्तार 155-185 किमी प्रति घंटे थी।
राज्य को एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अंदेशा- ममता बनर्जी
मीडिया को जानकारी देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "10-12 लोगों की मौत हुई हैं। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, कोलकाता, पश्चिमी मेदनीपुर, पूर्वी मेदनीपुर आदि जिले इससे प्रभावित हुए हैं। यहां तक की पूरा दक्षिण बंगाल इससे प्रभावित हुआ है। इससे हुए नुकसान का आंकलन करने में तीन से चार दिन का समय लगेगा। मोटे तौर पर हमें एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हमें सब कुछ दोबारा बनाना होगा।"
कोरोना वायरस से बड़ी आपदा है अम्फान- ममता
ममता ने आगे कहा, "एक तरफ हम कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ रहे हैं। दूसरी तरफ लाखों प्रवासी मजदूर वापस आ रहे हैं और अब यह साइक्लोन आ गया। मुझे लगता है कि यह (अम्फान) कोरोना वायरस से बड़ा संकट है।"
बंगाल की खाड़ी में इस सदी का सबसे भयंकर तूफान है अम्फान
बंगाल की खाड़ी में 1999 के बाद आया यह सबसे भयंकर साइक्लोन था। साइक्लोन के बाद कई जगहों पर पेड़ गिरने, खंबे टूटने, नदियों का पानी बाहर आने जैसी खबरें आ रही हैं। मौसम विभाग के प्रमुख एम महापोत्रा ने कहा कि यह भयंकर और तबाही मचाने वाला तूफान था। इसमें भारी बारिश, तेज हवाओं और ऊंची लहरें एक साथ देखी गई। इससे कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।
नुकसान का आंकलन करने में लगेगा समय
मौसम विभाग की तरफ से जारी जानकारी में कहा गया है कि तूफान से हुए नुकसान का अभी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन यह गुरुवार सुबह तक पश्चिम बंगाल में रहेगा। यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट को बुधवार शाम सात बजे तक पार कर उत्तर-उत्तर पूर्व की तरफ बढ़ा है। साइक्लोन के तटीय इलाकों से टकराने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 6.5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था।
अम्फान के कारण हुए नुकसान की तस्वीरें
तीन स्तरों पर किया जाएगा नुकसान का आंकलन- घोष
जाधवपुर यूनिवर्सिटी के ओशियनग्राफिक स्टडीज स्कूल के निदेशक तुहिन घोष ने कहा कि तूफान में हुए नुकसान को तीन स्तरों पर देखा जाएगा। सबसे पहले जान और माल का नुकसान देखा जाएगा। इसके बाद आधारभूत इंफ्रास्ट्रक्चर और तीसरे नंबर पर जमीन पर खारा पानी और बाढ़ आने के नुकसान को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में काफी समय लगेगा और बाढ़ का पानी जाने में भी बहुत दिन लगेंगे।
लोगों की जिंदगी पर कई सालों तक रहेगा अम्फान का असर
जानकारों का कहना है कि सुंदरबन के डेल्टा इलाकों में रहने वालों लोगों को कई साल तक इस तूफान का असर झेलना पड़ेगा क्योंकि उनके खेतों में समुद्र का खारा पानी आ गया है। घोष ने बताया कि खारे पानी से जमीन बंजर हो जाएगी और इससे फसलों को नुकसान पहंचेगा। इस कारण तीन-पांच सालों तक जमीन फसल बोने लायक नहीं रहेगी। 2009 में आए आलिया साइक्लोन के कारण भी जमीन पर नमक की परत जम गई थी।
कई इलाकों से संपर्क टूटा- ममता बनर्जी
नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए ममता बनर्जी ने कहा, "हमारी किस्मत अच्छी रही कि पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा पाए। फसलें बर्बाद हो गई, बिजली आपूर्ति बाधित है, लोगों के घर ढह गए हैं, पुल और तटबंध नष्ट हो गए हैं। कई इलाकों से हमारा संपर्क टूट गया है।" उन्होंने कहा कि नुकसान का आंकलन करने के लिए कल स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक होगी, जिसमें लोगों को राहत देने के तरीकों पर चर्चा होगी।