देश में पहले दिन 1.91 लाख लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन, नहीं दिखे गंभीर साइड इफेक्ट
कोरोना महामारी के खिलाफ देश में शनिवार से शुरू हुए मेगा वैक्सीनेशन अभियान का पहला दिन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। पहले दिन शाम 05:30 बजे तक लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई। ऐसे में पहले दिन की समाप्ति पर देश में बनाए गए कुल 3,351 केंद्रों पर कुल 1,91,181 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई। सबसे बड़ी बात यह रही कि वैक्सीन हासिल करने वाले किसी भी स्वास्थ्यकर्मी में गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले।
इन वैक्सीनों को मिली है आपात इस्तेमाल की मंजूरी
भारत में 3 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।' कोविशील्ड' को एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है, वहीं 'कोवैक्सिन' पूरी तरह स्वदेशी वैक्सीन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की थी अभियान की शुरुआत
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अभियान की शुरुआत करने के साथ ही देशवासियों को बधाई दी थी। उन्होंने कम समय में वैक्सीन तैयार करने वाले वैज्ञानिकों की सराहना की और लोगों से वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने की अपील भी की। इतना ही नहीं, उन्होंने लोगों से वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना महामारी से बचाव के लिए जरूरी ऐहतियात बरतने को भी कहा तथा अभियान को देश के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया।
सबसे पहले AIIMS के सफाईकर्मी मनीष कुमार को लगाया टीका
वैक्सीनेशन अभियान के शुरुआत के बाद सबसे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के फ्रंटलाइन सफाईकमी मनीष कुमार को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और AIIMS निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की मौजूदगी में टीका लगाया गया। इसके बाद उन पर करीब 30 मिनट तक निगरानी रखी गई। इसमें उनके किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नजर नहीं आए। इसके बाद AIIMS निदेशक डॉ गुलेरिया ने भी वैक्सीन लगवाकर अभियान को गति प्रदान की।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कान्फ्रेंस कर दी पहले दिन की सफलता की जानकारी
पहले दिन का वैक्सीनेशन खत्म होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कान्फ्रेंस कर वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी दी। मंत्रालय के संयुक्त और अतिरिक्त सचिव ने बताया पहले दिन देशभर के 3,351 केंद्रों पर 16,755 कर्मचारियों ने कुल 1,91,181 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी। वैक्सीन लेने के बाद किसी भी लाभार्थी के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए और ना ही किसी को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी। पहला दिन पूरी तरह से सफल रहा।
को-विन ऐप की समस्या को किया दूर
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी खामी की वजह से को-विन (Co-WIN) ऐप धीमा हो गया था। इसके कारण कई जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। शिकायत के बाद समस्या को दूर कर लिया गया है।
11 राज्यों में किया गया दोनों वैक्सीनों का उपयोग
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि असम, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कुल 11 राज्यों में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' दोनों का इस्तेमाल किया गया। इसी तरह देश के अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में केवल SII 'कोविशील्ड' का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि कई राज्यों में लोगों ने केवल 'कोविशील्ड' का ही उपयोग करने की मांग की थी।
किस राज्य में कितने लोगों को मिली खुराक?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आंध्रप्रदेश (16,963), अरुणाचल प्रदेश (743), बिहार (16,401), छत्तीसगढ़ (4,985), दिल्ली (3,403) और गोवा में 373 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी गई। इसी तरह हरियाणा में (4,656), हिमाचल प्रदेश (1,408), जम्मू-कश्मीर (1,954), झारखंड (2,897), कर्नाटक (12,637), केरल (7,206), लद्दाख (76), महाराष्ट्र (15,727), गुजरात (8,557), मध्य प्रदेश (6,739), मणिपुर (510), मेघालय (509), मिजोरम (340), नागालैंड (499), ओडिशा (8,675), पंजाब (1,200), राजस्थान (9,279), तमिलनाडु (2,728), उत्तर प्रदेश में 15,975 स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन दी गई।
महाराष्ट्र में 14 लाभार्थियों में दिखे हल्के साइड इफेक्ट
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन के दौरान कुल 14 लोगों के हल्के साइड इफेक्ट देखने को मिले, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें राहत मिल गई। इनमें अधिकतर लाभार्थियों ने इंजेक्शन वाली जगह दर्द और सिरदर्द की शिकायत की थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा
वैक्सीनेशन अभियान को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शनिवार शाम 6:00 बजे देश के सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक कर वैक्सीनेशन की समीक्षा की। इस दौरान सामने आया कि पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन दिन की समाप्ति पर यह संख्या कम रह गई। ऐसे में अब मामले की समीक्षा कर स्थिति को सुधारा जाएगा।