पश्चिम बंगाल: पहले ही दिन धीमा पड़ा को-विन ऐप, वैक्सीनेशन अभियान में आई बाधा
कोरोना महामारी के खिलाफ जंग जीतने के लिए देश में शनिवार से मेगा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया है। इसमें सरकार की ओर से तैयार किए गए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-Win) को-विन ऐप की अहम भूमिका मानी जा रही है। हालांकि, यह ऐप वैक्सीनेशन अभियान के पहले ही दिन तकनीकी खामी के चलते धीमा पड़ गया। इसके चलते पश्चिम बंगाल में वैक्सीनेशन अभियान में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
क्या है को-विन ऐप?
बता दें कि सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान की पूरी निगरानी के लिए को-विन ऐप विकसित किया है। इस ऐप में वैक्सीन प्राप्त करने वालों के साथ, वैक्सीन का लगाने वाले, वैक्सीन स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज, वैक्सीनेशन की मौजूदा स्थिति आदि की ऑनलाइन जानकारी रहेगी। फिलहाल इस ऐप को आज जनता के लिए लॉन्च नहीं किया गया है। इस ऐप के जरिए गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज चिकित्सकों के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए अपना पंजीयन भी करा सकेंगे।
ऐप के धीमा होने से पश्चिम बंगाल में आई परेशानी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पश्चिम बंगाल में वैक्सीनेशन अभियान की पूर्व संध्या पर ही को-विन ऐप धीमा हो गया। इससे से वैक्सीनेशन में लगे स्वास्थ्यकर्मियों को डाटा अपलोड करने और वैक्सीन प्राप्त करने वालों को सूचना देने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके कारण शुक्रवार को वैक्सीन प्राप्त करने वालों को फोन करके सूचना देनी पड़ी थी, जबकि उन्हें को-विन ऐप के जरिए मैसेज भेजकर सूचना दी जानी थी।
डाटा अपलोड करने में लगा बहुत अधिक समय
मुर्शिदाबाद जिले के कंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक चिकित्सक ने बताया कि शनिवार को राज्यभर में 204 वैक्सीनेशन केंद्रों पर कार्य शुरू हुआ तो को-विन ऐप धीमा हो गया। इससे चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन प्राप्त करने वालों का डाटा अपलोड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी तरह दक्षिण 24 परगना जिले के अस्पताल में चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन प्राप्त करने वालों का नाम और विवरण कागज पर दर्ज करना पड़ा।
कई बार करना पड़ा लॉग-इन
कैनिंग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ने कहा कि सुबह ऐप खुल ही नहीं रहा था। कई बाद लॉग-इन और लॉग-आउट करने के बाद यह खुला। इसके अलावा यह बहुत धीरे काम कर रहा था। इससे लाभार्थियों का रिकॉर्ड अपलोड करने में परेशानी आई।
ऐप में कराया जा रहा है सुधार- स्वास्थ्य विभाग
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि ऐप को केंद्र ने विकसित किया है। संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी गई है और वह इसके समाधान में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी खामियों के अलावा अन्य सभी कार्य सही तरह से हो रहे हैं। वैक्सीन हासिल करने वालों में स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं देखने को मिली है। वैक्सीन लेने के बाद लोगों में खुशी का माहौल है।
पहले फेज में तीन करोड़ लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
बता दें कि देश में शुरू हुए मेगा वैक्सीनेशन अभियान के पहले फेज में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन दी जाएगी। इसमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल है। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के और कोरोना महामारी के चपेट में आने के सबसे खतरे वाले 50 वर्ष से कम उम्र के करीब 27 करोड़ प्राथमिकता सूची वालों को वैक्सीन दी जाएगी। इस फेज के जुलाई तक पूरा होने की संभावना है।