प्रधानमंत्री मोदी ने की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा, शिक्षा के हाइब्रिड मॉडल को बताया जरूरी
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा की।
इस दौरान मोदी ने स्कूली छात्रों को तकनीक के अत्यधिक जोखिम से बचाने के लिए शिक्षा के हाइब्रिड मॉडल पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण की एक हाइब्रिड प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
बैठक के दौरान उन्हें राष्ट्रीय संचालन समिति के अधीन तैयार किए जा रहे राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा की प्रगति से भी अवगत कराया गया।
बैठक
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की समीक्षा बैठक में कौन-कौन मौजूद था?
शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर
शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार
शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी
शिक्षा और विदेश राज्यमंत्री श्री राजकुमार रंजन सिंह,
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के सलाहकार, विश्वविद्यालय विद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) के अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के निदेशक।
स्थापना
स्टार्टअप इकोसिस्टम और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 2,774 इनोवेशन सेंटर स्थापित
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, "इस बैठक के दौरान बताया गया कि देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 28 राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थानों में 2,774 इनोवेशन सेंटर स्थापित किए जाने की प्रक्रिया जारी है।"
इसके अलावा देश में शोध और स्टार्टअप की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए NEP के साथ जुड़ी अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीवमेंट (ARIIA) को पिछले साल दिसंबर में लॉन्च किया गया।
डेटाबेस
आंगनबाड़ी केंद्रों का डाटाबेस स्कूलों के साथ हो एकीकृत
मोदी ने कहा, "आंगनबाड़ी केंद्रों के डाटाबेस को बिना किसी बाधा के स्कूलों के रिकॉर्ड के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए क्योंकि बच्चे आंगनबाडी से स्कूलों में जाते हैं। स्कूलों में तकनीक की मदद से बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच और स्क्रीनिंग की जानी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि छात्रों में वैचारिक कौशल विकसित करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित खिलौनों के उपयोग पर जोर दिया जाना चाहिए।
बहुभाषावाद
शिक्षा और परीक्षण में बहुभाषावाद पर दिया जा रहा जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, "शिक्षा और परीक्षण में बहुभाषावाद पर जोर दिया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंग्रेजी के ज्ञान की कमी किसी भी छात्र की शिक्षा प्राप्ति में बाधा न बने।"
इसमें आगे बताया गया कि इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए राज्य मूलभूत स्तर पर द्विभाषी या त्रिभाषी पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन कर रहे हैं और डिजीटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर स्कूल एजुकेशन (DIKSHA) मंच पर 33 भारतीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
शिक्षा
शिक्षा ग्रहण करना हुआ आसान
मोदी ने कहा कि जीवन में कभी भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और बाहर जाने के कई विकल्प देने और डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर अकादमिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों से छात्रों के लिए अपनी सुविधा से पढ़ाई करना संभव हुआ है।
उन्होंने बताया कि UGC राष्ट्रीय उच्च शिक्षा योग्यता कार्यक्रम (NHEQF) से तालमेल रखते हुए मौजूदा "पाठ्यचर्या की रूपरेखा और स्नातक कार्यक्रम के लिए क्रेडिट सिस्टम" को संशोधित कर रहा है।