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विश्वविद्यालयों को अब तैयार करना होगा खुद के विकास का खाका, UGC ने मांगे सुझाव
उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने विकास का खाका खुद ही करना होगा तैयार

विश्वविद्यालयों को अब तैयार करना होगा खुद के विकास का खाका, UGC ने मांगे सुझाव

लेखन तौसीफ
Feb 01, 2022
07:30 pm

क्या है खबर?

विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने विकास का खाका खुद ही तैयार करना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत संस्थागत विकास योजना (IDP) तैयार करने के लिए दिशानिर्देशों का एक ड्राफ्ट जारी कर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से सुझाव मांगे हैं। इस ड्राफ्ट में बताया गया है कि यह शिक्षण संस्थान कैसे अपने लक्ष्य और बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकते हैं।

सुझाव

शिक्षण संस्थानों को 11 फरवरी तक भेजने हैं ये सुझाव

शिक्षण संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने सहित शैक्षणिक विकास के नए लक्ष्य निर्धारित करने होंगे। इन संस्थानों को अगले 25 वर्षो की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर पांच वर्षो के भीतर अमल भी सुनिश्चित करना होगा। UGC ने अपने ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने से पहले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से सुझाव मांगे हैं, जिन्हें भेजने की अंतिम तारीख 11 फरवरी है।

आंकलन

ड्राफ्ट में शैक्षणिक सुविधाओं का आंकलन करने के लिए दिया गया यह सुझाव

UGC के अनुसार, उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता पर ठोस डेटा की कमी है। UGC ने शैक्षणिक बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक सुविधाओं का आंकलन करने के लिए गैर-मान्यता प्राप्त कॉलेजों सहित कई खराब प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों के बारे में राज्य सरकारों से जानकारी प्राप्त करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही "फास्ट ट्रैक प्रमोशन सिस्टम" का प्रस्ताव भी रखा गया है।

छात्र

छात्रों के अनुसार हो संस्थान का क्षेत्रफल

UGC ने IDP में संस्थानों के बुनियादी ढांचे का एक मानक तय किया है, जो छात्रों की संख्या पर आधारित है। अगर किसी संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की कुल क्षमता 30,000 है तो उसका कुल क्षेत्रफल 350-400 एकड़ होना चाहिए। आवास और छात्रावासों का क्षेत्रफल इसका 90 प्रतिशत होना चाहिए। ड्राफ्ट के मुताबिक, इसी तरीके से अगर किसी संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों की कुल संख्या 20,000 हो तो इसका क्षेत्रफल 300-350 एकड़ होना चाहिए।

लक्ष्य

छात्रों की नामांकन दर बढ़ाने का लक्ष्य

UGC की इस मुहिम का लक्ष्य उच्च शिक्षा की सकल नामांकन दर (GER) को बढ़ाना भी है, जो फिलहाल करीब 27 प्रतिशत है। NEP में 2035 तक इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। विशेषज्ञों की मानें तो उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को बेहतर बना देश से हर साल छात्रों के होने वाले पलायन को भी रोका जा सकेगा।