यूक्रेन-चीन से लौटे मेडिकल छात्रों को देश में प्रैक्टिस की अनुमति दे सकता है NMC
देश का शीर्ष मेडिकल एजुकेशन रेगुलेटर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण चीन और यूक्रेन से लौटे अंतिम वर्ष के मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देने पर विचार कर रहा है। NMC के प्रस्ताव के मुताबिक, इन छात्रों को विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) में बैठने की अनुमति दी जाएगी। FMGE एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जिसे भारत में प्रैक्टिस के लिए विदेश में पढ़े मेडिकल छात्रों को पास करना होता है।
FMGE पास करने वाले छात्रों को दो साल करनी होगी इंटर्नशिप
NMC के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (UGMEB) ने स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए एक प्रस्ताव में कहा है कि FMGE पास करने वाले छात्रों को एक साल की बजाय दो साल की इंटर्नशिप करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके बाद वे स्थायी रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे और उन्हें भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल सकेगी। NMC की तरफ से तैयार किए गए मसौदे के मुताबिक, यह छूट सिर्फ एक बार अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण दी जा रही है।
वर्तमान में FMGE देने की प्रक्रिया क्या है?
अभी विदेश से पढ़े मेडिकल छात्रों को भारत में FMGE के लिए अपना प्रशिक्षण और एक साल की इंटर्नशिप अपने विश्वविद्यालय में पूरी करनी होती है। इसके बाद उन्हें स्थायी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए भारत में भी एक साल की इंटर्नशिप करनी होती है।
छात्रों को चीन और यूक्रेन में प्रवेश लेने से बचने की सलाह
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि यह छूट केवल एक साल के लिए लागू होगी, इसलिए छात्रों को इस साल इन देशों में प्रवेश लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, "हालांकि चीन अब बहुत कम छात्रों को लौटने की अनुमति दे रहा है। चीन के कुछ छात्रों को ऑनलाइन इंटर्नशिप पूर्णता प्रमाणपत्र दिया गया, यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है। दो साल की इंटर्नशिप क्लीनिकल प्रशिक्षण में हुई कमी को खत्म करने में में मदद करेगी।"
पहले और द्वितीय वर्ष के छात्रों को कोई राहत नहीं
चीन-यूक्रेन से लौटे पहले और द्वितीय वर्ष के छात्रों को कोई राहत मिलने की संभावना नहीं है। एक आधिकारिक सूत्र ने'PTI को बताया कि UGMEB ने सुझाव दिया है कि ऐसे छात्र भारतीय कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में शामिल हों। उन्होंने कहा कि अगर छात्र UGMEB की योजना से सहमत नहीं हैं तो सभी वर्षों के छात्रों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए विदेश जाने की अनुमति दी जा सकती है।
इन देशों ने अध्ययन जारी रखने की अनुमति देने की जाहिर की इच्छा
सूत्र के मुताबिक, "रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और रोमानिया जैसे कॉमनवेल्थ ऑफ इंडियन स्टेटस (CIS) अपने देशों में वैश्विक संकट से प्रभावित उम्मीदवारों के लिए अध्ययन जारी रखने की अनुमति देने की इच्छा पहले ही दिखा चुके हैं।"
NMC द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अधिक छात्रों को नहीं मिलेगा फायदा
NMC द्वारा इस संबंध में किए जा रहे प्रयास से अधिक छात्रों को फायदा नहीं मिलेगा क्योंकि FMGE बहुत कम छात्र ही पास कर पाते हैं। 2020 में FMGE में कुल परीक्षार्थियों में से सिर्फ 16.5 प्रतिशत छात्र ही पास हो पाए थे। यूक्रेन और चीन में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे करीब 40,000 छात्र घर लौट चुके हैं। MBBS की डिग्री साढ़े पांच साल के लिए होती है। साढ़े चार साल में नौ सेमेस्टर और एक साल की इंटर्नशिप।