
महाराष्ट्र में 20,000 से अधिक होटल-बार में आज नहीं मिलेगी शराब, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में आज यानी 14 जुलाई को शराब नहीं मिलेगी। सोमवार को 20,000 से अधिक होटल और बार के मालिकों ने राज्यव्यापी 'बार बंद' और 'शराब निषेध' हड़ताल का ऐलान किया है। यह कदम देवेंद्र फडणवीस सरकार के उस फैसले के खिलाफ उठाया गया है, जिसमें उन्होंने उत्पाद शुल्क और लाइसेंस शुल्क में बढ़ोतरी के साथ वैट लगाने का फैसला लिया है। हड़ताल का नेतृत्व होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (HRAWI) करेगा। आइए, जानते हैं पूरा मामला।
आदेश
महाराष्ट्र सरकार ने कितना बढ़ाया शुल्क?
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले हफ्ते उत्पाद शुल्क में 60 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 के लिए वार्षिक FL-3 लाइसेंस शुल्क में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। साथ ही सरकार ने FL-3 दुकानों पर बेची जाने वाली भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर 10 प्रतिशत वैट लगाने का फैसला लिया है। इस कदम से शराब की कीमतों में अचानक काफी बढ़ोतरी हो गई है, जिससे लाइसेंस धारकों को इसकी बिक्री प्रभावित होने का डर सता रहा है।
शराब
इतनी महंगी हुई शराब
महाराष्ट्र में शुल्क बढ़ाने के बाद देसी शराब की 180 मिलीलीटर की एक बोतल, 60-70 रुपये की जगह अब 80 रुपये की हो गई है। महाराष्ट्र में बनी शराब अब 148 रुपये की मिलेगी। भारत में बनी विदेशी शराब 130 की जगह अब 205 रुपये हो गई है और प्रीमियम विदेशी शराब 210 की जगह 360 रुपये की हो गई है। सरकार ने यह कदम 'लड़की बहिन योजना' से पैदा हुए वित्तीय बोझ को कम करने के लिए उठाया है।
मांग
एसोसिएशन का क्या कहना है?
HRAWI के अध्यक्ष जिमी शॉ ने इसे तिहरा झटका बताते हुए कहा कि इससे कई प्रतिष्ठान बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 20 लाख से ज्यादा रोजगार देने वाला आतिथ्य क्षेत्र सालाना 15 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित करता है और इस फैसले से बड़े पैमाने पर बार बंद होंगे और 4 लाख से ज़्यादा नौकरियां जा सकती है। संगठन ने कर बढ़ोतरी को रोकने, लाइसेंस शुल्क पर पुनर्विचार करने और स्थायी निकायो के साथ बातचीत की मांग की है।
जानकारी
पिछले साल 23,250 करोड़ रुपये का राजस्व आया
महाराष्ट्र सरकार ने 2023-24 वित्तीय वर्ष में शराब पर उत्पाद शुल्क से 23,250 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया था। शुल्क वृद्धि के बाद सरकार को 14,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व की उम्मीद है। राज्य में बीयर, वाइन, देसी शराब और IMFL की खपत है।