पाकिस्तान से पलायन कर भारत आए अल्पसंख्यक कर सकेंगे डॉक्टर की प्रैक्टिस, देनी होगी एक परीक्षा
क्या है खबर?
नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की तरफ से पाकिस्तान से भारत आए अल्पसंख्यक समुदायों के मेडिकल ग्रेजुएट्स छात्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
जल्द ही इन छात्रों को भारत में कानूनी तौर पर प्रैक्टिस करने के लिए स्थायी पंजीकरण कराने की अनुमति मिलेगी।
इसके लिए NMC एक परीक्षा आयोजित कराने की योजना बना रहा है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन भी किया जा चुका है। इसके जरिए इन छात्रों के लिए आय का एक रास्ता भी खुल सकेगा।
रोडमैप
विशेषज्ञों का पांच सदस्यीय समूह तैयार करेगा रोडमैप
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, NMC की तरफ से गठित विशेषज्ञों का पांच सदस्यीय समूह रोडमैप तैयार करेगा जिसके आधार पर पाकिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के मेडिकल ग्रेजुएट्स प्रैक्टिस के लिए स्थायी पंजीकरण हासिल कर सकेंगे।
यह समूह NMC द्वारा आयोजित की जाने वाली विशेष परीक्षा की पद्धति भी तय करेगा।
एक सूत्र ने कहा, "दिशा-निर्देश तैयार हो जाने के बाद उम्मीदवारों से प्रस्तावित परीक्षा में शामिल होने के लिए एक पोर्टल पर पंजीकरण करने को कहा जाएगा।"
कानून
किस कानून के तहत इन छात्रों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलेगी?
पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति संसद में पारित हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत दी जा रही है।
यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के सताए गए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है।
हालांकि, इस कानून को लागू नहीं किया गया है क्योंकि इसके नियम बनना अभी बाकी है।
इस कानून के सदन में पारित होने के बाद पूरे देश में इसका व्यापक विरोध हुआ था।
नागरिकता
पड़ोसी देशों के 3,117 गैर-मुस्लिमों को मिल चुकी है भारतीय नागरिकता
बता दें कि दशकों से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन और ईसाई समुदाय के लोग पलायन करके भारत आ रहे हैं। ये लोग उनके खिलाफ होने वाले अत्याचारों से बचने के लिए भारत आते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2021 में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बताया था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों से भारतीय नागरिकता के लिए 8,244 आवेदन मिले थे, जिनमें से 3,117 को स्वीकार कर लिया गया है।
विदेश से पढ़ने वाले भारतीय छात्र
न्यूजबाइट्स प्लस
विदेशी विश्वविद्यालयों से मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाले भारतीय भी विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) पास करने के बाद ही भारत में प्रैक्टिस कर सकते हैं।
हालांकि पांच अंग्रेजी भाषी देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड, की पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भारत में मान्य हैं और इन देशों से मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों को इस परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं पड़ती है।