एमबीए से लेकर बीटेक की असली जैसी नकली मार्कशीट बना रही है यह फ्रॉड कंपनी
नैनीताल के कुमाऊं विश्वविद्यालय से फर्ज़ी मार्कशीट बनाने के खेल का मामला सामने आया है। दरअसल जालसाजों की एक फ्रॉड कंपनी विश्वविद्यालय में प्रोफेश्नल कोर्सेस की फर्ज़ी डिग्रियां बांट रही है। अबतक यह फ्रॉड कंपनी कितनी फर्ज़ी मार्कशीट बांट चुकी है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। जालसाजों ने इतनी सफाई से फर्ज़ी मार्कशीट बनाई हैं कि इनके गिरोह का पता लगाना मुश्किल है। विश्वविद्यालय को अभी तक नहीं पता है कि यह गिरोह कहां से काम कर रहा है।
इन प्रोफेश्नल कोर्सेस की फर्ज़ी डिग्रियां बांट रही है फ्रॉड कंपनी
नैनीताल के कुमाऊं विश्वविद्यालय में अबतक यह फ्रॉड कंपनी एमबीए से लेकर बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएड, बीटेक, एमटेक तक की फर्ज़ी डिग्रियां बांट चुकी है। इस गिरोह ने मार्कशीट बनाते समय ऐसा कोई निशान नहीं छोड़ा, जिससे पता चल सके कि आखिर यह गिरोह कहां काम कर रहा है। विश्वविद्यालय को यह तक नहीं पता है कि यह फर्ज़ी डिग्रियां भारत में बन रही हैं या कनाडा में। अभी तक मामले में विश्वविद्यालय ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई है।
सोमवार को दर्ज कराई जाएगी रिपोर्ट
दरअसल विश्वविद्यालय के पास कोर्सेस कराने के सिर्फ दो नेटवर्क हैं, पहला कनाडा की कंपनी डब्ल्यूईएस (WES) और दूसरा मुंबई की तिलक एजूकेशनल सोसायटी। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने WES को मेल भेजकर शक के घेरे में आए छात्र-छात्राओं का पता मांगा है। अब सोमवार तक डब्ल्यूईएस से जवाब मिलने का इंतजार किया जाएगा। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रकरण में एसआईटी (SIT) के गठन की भी मांग करेगा जिससे आरोपी किसी भी हाल में बच न सकें।
यह है पूरा मामला
दरअसल कुछ दिनों पहले मार्कशीटों के सत्यापन से जुड़ी कनाडा की कंपनी WES ने कुमाऊं विश्वविद्यालय को ई-मेल के ज़रिए कुछ मार्कशीट और डिग्रियां भेजीं। WES ने विश्वविद्यालय से उनकी सत्यता जानने का प्रयास किया। तब विश्वविद्यालय ने सत्यापन शुरू किया तो एक के बाद एक मार्कशीट, डिग्रियां फर्ज़ी निकली। अबतक 12 मार्कशीट, डिग्रियां फर्ज़ी होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि 33 अन्य मार्कशीट, डिग्रियां के फर्ज़ी होने की आशंका है। विश्वविद्यालय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
सात छात्र और पांच छात्राओं की मार्कशीट निकली फर्ज़ी
विश्वविद्यालय की जांच में अबतक सौरभ गुप्ता की एमबीए आईटी, बीएससी कंप्यूटर साइंस, हरप्रीत कौर की एमबीए फाइनेंस एंड मार्केटिंग, असनीन बजाज की एमबीए फाइनेंस, गुरुविंदर सिंह की बीटेक मेकेनिकल, डिप्लोमा इन मेकेनिकल इंजीनियरिंग की मार्कशीट फर्ज़ी साबित हुई है। इनके साथ ही मनप्रीत कौर की बीएड, अनुज मित्तल की बीए, रीता प्रेमजी की एमबीए फाइनेंस, अवतार सिंह की बीए, पनीर सेल्वन की एमए, अमनिंदर सिंह की एमबीए इन प्रोडक्शन मैनेजमेंट, इकबाल की बीसीए, एमसीए की मार्कशीट फर्ज़ी मिली है।
जल्द ही रिपोर्ट दर्ज कराएगा विश्वविद्यालय प्रशासन
विश्वविद्यालय की जांच में अबतक कुल 12 आरोपी विद्यार्थियों में सात छात्र, पांच छात्राएं शामिल हैं। फिलहाल विश्वविद्यालय इन्हीं के नाम पर रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी। इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि हम फर्ज़ी मार्कशीट बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई चाहते हैं। इसलिए जल्द ही पुख्ता जानकारी के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी।