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दिल्ली के अधिकांश सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं, 84 प्रतिशत पद खाली
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल, वाइस-प्रिंसिपल के ढेरों पद खाली हैं (तस्वीर: ट्विटर/@msisodia)

दिल्ली के अधिकांश सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं, 84 प्रतिशत पद खाली

लेखन तौसीफ
Sep 21, 2022
06:56 pm

क्या है खबर?

देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल, वाइस-प्रिंसिपल और शिक्षकों के ढेरों पद खाली हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के अधिकतर स्कूल कई सालों से बिना प्रिंसिपल के ही चल रहे हैं। स्वयं दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) की तरफ से साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, शहर के सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के 84 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं। आइए पूरी खबर जानें।

दिल्ली

दिल्ली के स्कूलों में वाइस-प्रिंसिपल की भी भारी कमी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए प्रिंसिपल के कुल 950 पद स्वीकृत हैं जिसमें से अब तक केवल 154 ही भरे गए हैं, जबकि 796 पद खाली हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज्यादातर स्कूल को वाइस-प्रिंसिपल चला रहे हैं। हालांकि, इन स्कूलों में वाइस-प्रिंसिपल की भी भारी कमी है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में वाइस-प्रिंसिपल के कुल 1,670 पद हैं और इनमें से 565 पद अभी भी खाली हैं।

शिक्षक

दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों के 33 प्रतिशत पद खाली

शिक्षकों को लेकर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 65,979 पदों में से सिर्फ 21,910 को ही भरा जा सका। यानी की इन स्कूलों में अभी भी शिक्षकों के लगभग 33 प्रतिशत पद खाली हैं। दिल्ली सरकार ने इन रिक्तियों के कारण आए अंतर को 20,408 अतिथि शिक्षकों से जरूर भरा है, लेकिन इसके बाद भी इन स्कूलों में अभी 1,502 शिक्षकों की कमी है।

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कुल पद

दिल्ली के स्कूलों में TGT के 13,421 और PGT के 3,838 पद खाली

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में ट्रेन्ड ग्रेजुएट टीचर्स (TGT) के कुल 33,761 पदों में से 13,421 खाली हैं, जबकि 20,340 पद भरे जा चुके हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) की अगर बात करें तो कुल 17,714 पदों में से 13,886 पद भरे गये हैं और 3,838 पद अभी भी खाली हैं। बता दें कि TGT पास शिक्षक कक्षा 10 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं, जबकि PGT पास शिक्षक कक्षा 12 तक के छात्रों को पढ़ाते हैं।

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रिपोर्ट

UPSC करेगा दिल्ली के स्कूलों में प्रिंसिपल का चयन

इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के सूत्रों ने कहा, "इन स्कूलों में प्रिंसिपलों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के जरिए होनी है। परीक्षाएं हो चुकी हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कई सारे प्रिंसिपल हमें मिल जाएंगे और इसी तरह शिक्षक भी मिलेंगे।" सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सब-ऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड (DSSSB) जो केंद्र सरकार को सीधे रिपोर्ट करता है, उसकी वजह से ही शिक्षकों की भर्तियों में देरी हुई है।

शिक्षा मॉडल

केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर उठे सवाल

दिल्ली की केजरीवाल सरकार हमेशा अपने शिक्षा मॉडल को लेकर अपनी पीठ थपथपाती है। वहीं इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि दिल्ली में वर्ष 2020 और 21 में सरकारी स्कूलों के लिए एक भी प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं की गई। मंत्रालय ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों का औसत प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से कम बताया है। इस मामले में भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह ने एक ट्वीट कर केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाया है।

ट्विटर पोस्ट

भाजपा सांसद ने ट्वीट कर किया केजरीवाल का घेराव

जानकारी

NCPCR ने भी दिल्ली सरकार से मांगा था जवाब

हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम ने दिल्ली के स्कूलों का दौरा किया था और पाया कि 1,027 सरकारी स्कूलों से सिर्फ 203 स्कूलों में प्रिंसिपल थे। इस मामले को लेकर NCPCR ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।

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