दिल्ली की सड़कों पर दौड़ेंगी 1,500 लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें, मंजूरी मिली
क्या है खबर?
दिल्ली सरकार प्रदूषण से लड़ने के लिए सड़कों पर 1,500 नई इलेक्ट्रिक बसें (E-Bus) उतारने जा रही है। सरकार ने परंपरागत CNG बसों को छोड़कर अब सर्वजनिक परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसें लाने पर भरोसा जताया है।
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) ने दिल्ली EV नीति 2020 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग और बैटरी की स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए विभिन्न एजेंसियों को 10 साइटें आवंटित करने का भी फैसला किया है।
बदलाव
महिला ड्राइवरों का प्रशिक्षण भत्ता भी बढ़ाया
DTC बोर्ड ने अनुबंध के आधार पर ड्राइवरों के पद पर महिलाओं को नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण के दौरान दिए जाने वाले भत्ते को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति माह करने का भी फैसला किया। इससे महिला चालकों को राहत मिलेगी।
बता दें कि बोर्ड ने बस चालक के रूप में रोजगार चाहने वाली महिलाओं के लिए कम से कम तीन साल का भारी मोटर वाहन (HMV) ड्राइविंग लाइसेंस रखने की शर्त को पहले ही हटा दिया था।
जानकारी
चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने की योजना
EV चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए विभिन्न कंपनियों को आवंटित की जाने वाली 10 साइटों में अम्बेडकर नगर डिपो, जल विहार टर्मिनल, दिलशाद गार्डन टर्मिनल, करावल नगर टर्मिनल, शादीपुर डिपो, मायापुरी डिपो, बिंदपुर टर्मिनल, पूर्वी विनोद नगर, पंजाबी बाग और रोहिणी डिपो को शामिल किया गया है।
दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (DTL) ने बोली प्रक्रिया के माध्यम से चार सेवा प्रदाताओं का चयन किया है जो जल्द ही इन स्थानों पर EV स्टेशन स्थापित करेंगे।
योजना
CNG बसों की भी खरीद
राज्य सरकार ने पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 11 मार्गों पर 75 अंतरराज्यीय बसें चलाने की भी मंजूरी दी है।
DTC बोर्ड ने अंतरराज्यीय संचालन के लिए 75 (38 गैर-एसी और 37 एसी) CNG बसों की खरीद करेगी।
बयान में कहा गया है ये बसें पांच राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब) और चंडीगढ़ के बीच चलेंगी।
इन बसों को दिल्ली-ऋषिकेश, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हल्द्वानी, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-बरेली, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-पटियाला के बीच चलाया जाएगा।
बयान
"दिल्ली को दुनिया की EV राजधानी बनाएंगे"
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि वह बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करके, बुनियादी ढांचे में वृद्धि और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित कर दिल्ली को दुनिया की EV राजधानी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।