
सुन नहीं सकते JEE एडवांस्ड में 26वीं रैंक हासिल करने वाले ओजस, रचा ये इतिहास
क्या है खबर?
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) एडवांस्ड में महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट में रहने वाले ओजस माहेश्वरी ने 26वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो वह कोई भी काम पूरा कर सकता है।
ओजस की सुनने की शक्ति बचपन में ही चली गई थी, लेकिन इसके बावजूद वह देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में बेहतरीन रैंक हासिल करने में सफल हुए हैं।
दिव्यांग
ओवरऑल 26वीं रैंक हासिल करने वाले पहले दिव्यांग छात्र बनें ओजस
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ओजस ऐसे पहले उम्मीदवार हैं जिन्होंने दिव्यांग श्रेणी में होकर भी ओवरऑल रैंकिंग में 26वां स्थान हासिल किया है।
ओजस के माता-पिता को अपने बेटे की कामयाबी पर इतना भरोसा था कि वे महाराष्ट्र से हैदराबाद स्थित उसकी कोचिंग पर एक दिन पहले ही पहुंच गए ताकि वे खुशी के पल एक साथ बिता सकें। बैंड-बाजे वालों को भी पहले ही बुला लिया गया था।
उत्सुकता
ओजस की ओवरऑल रैंकिंग को लेकर उत्सुक थे परिजन
ओजस की मां पूजा कहती हैं कि उनके बेटे ने कभी कोई विशेष सुविधा नहीं मांगी और वह किसी विशेष श्रेणी में रखा जाना पसंद नहीं करता।
उन्होंने कहा, "हमें विश्वास था कि दिव्यांग श्रेणी में उनके बेटे की रैंक शीर्ष पर होगी, लेकिन हम उसकी कॉमन लिस्ट की रैंकिंग के बारे में उत्सुक थे।"
उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने इस परीक्षा से अपनी काबिलियत साबित की है और उन्हें उत्साहित और गौरवान्वित किया है।
इंजीनियरिंग
IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं ओजस
परीक्षा की तैयारी के बारे में बात करते हुए ओजस ने कहा कि उन्होंने परीक्षा से दो महीने पहले से प्रतिदिन मॉक टेस्ट किए और पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों और सैंपल पेपर को भी हल किया।
इसके अलावा उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित ऑनलाइन सामग्री से भी पढ़ाई की।
बता दें कि JEE एडवांस्ड में बेहतरीन स्कोर लाने के बाद वे IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं।
तैयारी
ओजस की मां ने बचपन से ही शुरू करा दी थी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
ओजस की छह-सात साल की उम्र में सुनने की शक्ति चली गई थी, हालांकि इसके बाद ही उनकी मां ने गणित और विज्ञान में उनकी रुचि को जाना।
ओजस जब आठ साल के थे, तभी उनकी मां ने उन्हें ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराना शुरू कर दिया था।
ओजस ने कहा, "हम पहेलियों के खेल खेलते थे, संख्या के खेल और विज्ञान की महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करते थे। इससे इन विषयों में रुचि बढ़ाने में मदद मिली।"
अब्दुल कलाम
एपीजे अब्दुल कलाम और सुंदर पिचाई को अपना रोल मॉडल मानते हैं ओजस
ओजस की सुनने की 70 प्रतिशत क्षमता खत्म हो चुकी है, लेकिन उन्होंने कभी इस कारण खुद को कमजोर नहीं माना और तैयारी करते रहे।
हालांकि कोरोना वायरस महामारी में उन्हें पढ़ने और तैयारी करने में समस्या जरूर हुई, लेकिन उनके मन में IIT में एडमिशन लेने का ख्वाब से बचपन था, इसलिए वह हर दिन 10 घंटे पढ़ाई करते थे।
वो पूर्व भारतीय राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और गूगल के CEO सुंदर पिचाई को अपना रोल मॉडल मानते हैं।
JEE एडवांस्ड
न्यूजबाइट्स प्लस
JEE एडवांस्ड के नतीजों में इस बार कुल 40,712 उम्मीदवार सफल हुए हैं।
इस परीक्षा के लिए कुल 1,60,038 उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था जिसमें से कुल 1,55,538 उम्मीदवार 28 अगस्त को आयोजित किए गए दोनों पेपरों के लिए उपस्थित हुए।
JEE एडवांस्ड के पुरूष वर्ग में जहां शिशिर टॉपर घोषित हुए हैं, वहीं महिला वर्ग में तनिष्का काबरा ने 360 में से 277 अंक लाकर टॉप किया है।