
क्या निमिषा प्रिया को बचाने के लिए भारत सरकार चंदा मांग रही है? जानिए सच्चाई
क्या है खबर?
यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया (38) को फांसी से बचाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की जा रही है, जिसमें भारत सरकार द्वारा पैसे इकट्ठा करने की बात कही गई है। इस पोस्ट को ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई धर्म प्रचारक डॉक्टर केए पॉल साझा कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने इसका फैक्ट चेक करते हुए, इसे पूरी तरह गलत बताया है। मंत्रालय ने कहा कि यह दावा पूरी तरह फर्जी है।
दावा
क्या है दावा?
पॉल ने एक्स अकाउंट पर 'सेव निमिषा प्रिया' नाम से एक पोस्टर बनाकर उसमें कई संपर्क नंबर दिए गए हैं। पॉल ने पोस्टर साझा कर लिखा, 'निमिषा को बचाने के लिए भारत सरकार के नामित खाते में सीधे दान करें। हमें 8.3 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। इस पर मंत्रालय ने लिखा, 'हमने सोशल मीडिया पर निमिषा प्रिया मामले में भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट बैंक खाते में धन जमा करने की मांग के दावे देखे हैं। यह फर्जी दावा है।
ट्विटर पोस्ट
भारत सरकार ने किया खंडन
We have seen claims being made on social media seeking monetary contributions into a GoI designated bank account in the Nimisha Priya case. This is a fake claim.https://t.co/stxeFevl64 pic.twitter.com/4gQGIO4gvP
— MEA FactCheck (@MEAFactCheck) August 19, 2025
पहचान
कौन है निमिषा प्रिया?
निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं। उनकी मां प्रेमा कुमारी कोच्चि में घरेलू कामगार हैं। नर्स की पढ़ाई करने के बाद निमिषा 2011 में यमन चली गई थीं और यहां 5 साल तक अस्पतालों में काम किया। 2014 में उनकी मुलाकात यमन नागरिक तलाल अब्दो मेहदी से हुई, जिसके बाद 2015 में उन्होंने मिलकर सना में एक क्लीनिक खोला। यमनी कानून के अनुसार, व्यवसाय शुरू करने के लिए स्थानीय व्यक्ति के साथ साझेदारी अनिवार्य है।
सजा
यमन में क्यों दी जा रही है निमिषा को फांसी?
साथ काम करने के दौरान मेहदी ने निमिषा को तंग करना शुरू कर दिया। उसने आर्थिक, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न दिया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इससे तंग आकर निमिषा ने उसे 2016 में बेहोशी का ओवरडोज इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसने एक साथी के साथ मिलकर उसके टुकड़े कर दिए। निमिषा 2017 से जेल में हैं। उसे 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन यमन कोर्ट ने फांसी कुछ दिन टाल दी थी।
जानकारी
केंद्र ने 1 अगस्त को दिया था बयान
विदेश मंत्रालय ने 1 अगस्त को कहा था, "सरकार मामले में हरसंभव सहायता दे रही है। हमारी लगातार कोशिशों के कारण सजा पर अमल फिलहाल टल गया है। हम कुछ मित्र देशों के संपर्क में हैं और जरूरत के हिसाब से मदद दे रहे हैं।"