मित्रों ने किया याद, रक्षा मंत्री होने के बावजूद लाइन में लगकर खाना लेते थे पर्रिकर
क्या है खबर?
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को पणजी स्थित अपने घर पर निधन हो गया।
वह पिछले काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे।
राजनीति में सादगी और कार्यकुशलता का प्रतीक बने पर्रिकर के निधन पर राजनीतिक हलकों में शोक है, वहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (IIT-B) के उनके साथी इस खबर से बेहद दुखी हैं।
इस दौरान उन्होंने पर्रिकर के छात्र जीवन की कई यादें साझा की।
आइए जानते हैं कि पर्रिकर का छात्र जीवन कैसा था।
यादें
मित्रों को था अंदाजा, आगे चलकर नेता बनेंगे पर्रिकर
IIT-B के उनके मित्र हमेशा से मानते थे कि पर्रिकर आगे चलकर एक दिन नेता जरूर बनेंगे।
एक पुराना किस्सा साझा करते हुए पर्रिकर के जूनियर, हॉस्टल के साथी और करीबी मित्र बकुल देसाई ने बताया, "हमारे हॉस्टल मेस की फीस 180 रुपये प्रति महीने थी, इसलिए पर्रिकर खुद बाइकुला बाजार से सब्जी खरीद कर लाने लगे। बाद में उनका यह तरीका मेस ठेकेदार ने अपनाया और फीस को घटाकर 160 रुपये कर दिया।"
सादगी
रक्षा मंत्री होने के बावजूद भी लाइन में खड़े होकर खाना लेते थे पर्रिकर
देसाई ने कहा, "हर एलमनाई मीटिंग में सदस्यों को लंच के लिए एक कूपन दिया जाता था। देश का रक्षा मंत्री होने के बावजूद हर साल पर्रिकर कूपन लेते और खाने के लिए लाइन में खड़े रहते।"
उन्होंने बताया कि जब भी वह दोस्तों के साथ होते थे तो अपने सुरक्षा अधिकारियों को थोड़ा दूर रहने को कहते थे।
बता दें कि राजनीतिक जीवन और भारी व्यस्तता के बावजूद पर्रिकर IIT-B की पूर्व छात्रों की मीटिंग में जरूर जाते थे।
किस्सा
जब 40 साथियों को खुद खाना बनाने के लिए मनाया
पर्रिकर के अन्य साथी मुकंद देशपांडे ने 1978 का वह समय याद किया जब हॉस्टल मेस कर्मचारी अनिश्तिकालीन हड़ताल पर चले गए थे।
उन्होंने बताया, "पर्रिकर के मेस कर्मचारियों के साथ अच्छे संबंध थे क्योंकि वह हमेशा समिति में हिस्सा लेते थे। हड़ताल के बाद उसने कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माने तो पर्रिकर ने हम में से 40 को खुद खाना बनाने के लिए राजी किया। वह हमारे जीवन का सबसे अच्छा खाना था।"
सादा जीवन
मुख्यमंत्री बनने के बाद भी एयरपोर्ट से रिक्शा लेते थे पर्रिकर
देशपांडे ने आगे कहा, "ऐसे समय में जब हम सभी केवल किताबों पर ध्यान लगाते थे, वह अपनी यजदी पर सवार होकर पढ़ाई से अलग अन्य चीजें भी करते थे।"
उन्होंने कहा कि पर्रिकर ने हम सभी को कैंपस जिंदगी का दूसरा पहलू दिखाया।
IIT-B से 2005 में ग्रेजुएट होने वाले गणेश नटराजन ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पर्रिकर में कोई बदलाव नहीं आया और वह एयरपोर्ट से कई बार ऑटो रिक्शा लेते थे।
IIT मुंबई
IIT-B ने निधन पर किया शोक व्यक्त
IIT-B ने ट्वीट करते हुए पर्रिकर के निधन पर शोक जताया।
संस्थान ने ट्वीट किया, "गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन IIT-B में हम सभी के लिए चौंकाने वाली खबर है। वह सस्थान के विशिष्ट पूर्व छात्र थे और कई पहलों से जुड़े हुए थे। वह IIT गोवा के लॉन्च से भी गहरे तौर पर जुड़े हुए थे। संस्थान उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है।"
बता दें कि पर्रिकर ने IIT-B से 1978 में B.Tech की थी।