ऑनलाइन शिक्षा दे रही एड-टेक कंपनियों को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने अभिभावकों को किया सावधान
कोरोना वायरस महामारी के दौरान सभी के जीवन की अनेक गतिविधियों और दिनचर्या में कई प्रकार के परिवर्तन आए हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की आदत ने इंटरनेट पर अत्यधिक निर्भरता बढ़ा दी है। शिक्षा क्षेत्र भी इंटरनेट के ऊपर निर्भर होता जा रहा है। ऐसे में सरकार ने बढ़ती एड-टेक (ऑनलाइन शिक्षा) कंपनियों पर माता-पिता और छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है और सावधानी बरतने के लिए कहा है।
एड-टेक कंपनियों को भुगतान के समय ऑटो-डेबिट से बचें
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा विकल्प उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को भुगतान करते समय सावधानी बरतें और सदस्यता शुल्क के भुगतान के लिए 'ऑटो डेबिट' विकल्प से बचें। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ''स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ 'एड-टेक कंपनियां' अभिभावकों को मुफ्त सेवाएं देने की आड़ में लुभा रही हैं और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (EFT) दस्तावेज पर हस्ताक्षर करा रही हैं या ऑटो-डेबिट सुविधा को सक्रिय करवा रही हैं।''
एड-टेक कंपनियों का चुनाव करते समय रहें सावधान
शिक्षा मंत्रालय की ओर से सलाह देते हुए कहा गया है कि शिक्षा में तकनीक के व्यापक प्रभाव को देखते हुए कई एड-टेक कंपनियों ने ऑनलाइन मोड में पाठ्यक्रम, ट्यूटोरियल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग आदि की पेशकश शुरू कर दी है। मंत्रालय ने आगे कहा, "इसको देखते हुए एड-टेक कंपनियों की ओर से दी जा रही ऑनलाइन सामग्री और कोचिंग का चयन करते समय माता-पिता, छात्र और स्कूली शिक्षा से जुड़े लोगों को सावधान रहना होगा।"
विज्ञापनों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें
केंद्र सरकार ने एडवाइजरी में कहा है कि एड-टेक कंपनियों के विज्ञापनों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। मंत्रालय ने कहा, "अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आप फ्री में इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं तो ये आपको गलत जानकारी दे रही है, ऐसा केवल उपभोक्ता को बेवकूफ बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही माता-पिता को बच्चे को ऐप की ऐसी विशेषताओं के बारे में जागरूक करना चाहिए जो अधिक खर्च को प्रोत्साहित करती हैं।"
एड-टेक ऐप खोलने के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड पंजीकरण से बचें
शिक्षा मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि माता-पिता और छात्र किसी भी तरह के लोन के लिए साइन न करें और सदस्यता के लिए ऐप्स पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड पंजीकरण से बचें। मंत्रालय ने सुझाव दिया कि अपने बैंक खाते का विवरण न दें और अपना डेटा जैसे ईमेल, फोन नंबर, कार्ड विवरण, पते आदि ऑनलाइन जोड़ने से बचें क्योंकि डेटा बेचा जा सकता है या बाद में घोटाले के हमलों के लिए उपयोग किया जा सकता है।