भारत में 2024 तक नहीं खुलेंगे नए इंजीनियरिंग कॉलेज, जानें वजह
देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कम होते दाखिलों को देखते हुए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के चैयरमेन अनिल दत्तात्रेय सहस्त्रबुद्धी ने कहा कि भारत में अगले दो वर्षों तक नए इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोले जाएंगे। डॉ अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया कि फिलहाल नए इंजीनियरिंग कॉलेजों की कोई आवश्यकता नहीं है इसलिए देश में अगले दो वर्ष यानी 2024 तक नए इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खोले जाएंगे।
2020-21 शैक्षणिक वर्ष में इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश क्षमता घटकर 24 लाख हुई
पिछले पांच वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश में गिरावट देखने को मिली है। इसमें सत्र 2015-16 में 30 लाख सीटों (स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा) से, 2020-21 शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश क्षमता घटकर 24 लाख हो गई है। AICTE ने कहा 2021 में 63 संस्थानों के बंद होने के आवेदन स्वीकार किए गए, जबकि 32 संस्थानों ने अनुमोदन वापस लेने के लिए आवेदन किया और देश के 500 संस्थानों ने अनुमोदन जारी रखने के लिए आवेदन नहीं किया है।
महाराष्ट्र में BTech आवेदनों में 2021 में लगभग 15 प्रतिशत की हुई वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (BTech) के आवेदनों में इस साल लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2020 में 96,333 रजिस्ट्रेशन थे, जो इस वर्ष 1.1 लाख रहे। 2021 में राज्य में BTech की प्रवेश क्षमता 1.3 लाख छात्र है।
देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली
IANS को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में आज भी 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली हैं इसका मतलब है कि साधनों का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, "मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि फिलहाल जितने कॉलेज मौजूद हैं उनके मुकाबले केवल आधे कॉलेजों की ही आवश्यकता है। मौजूदा इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या यदि आधी भी कर दिए जाएं तो छात्रों को दाखिला मिल जाएगा।"
17 दिसंबर को नागपुर में हुआ फैसला
बता दें कि 17 दिसंबर को नागपुर में आयोजित बैठक में इसकी घोषणा हुई थी। डॉ अनिल ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन इसे बेहतर करने के लिए नए संस्थानों पर प्रतिबंध जारी रखना जरूरी है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में AICTE का नाम दर्ज
उन्होंने कहा कि AICTE का नाम अटल एकेडमी प्रोग्राम के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया, "यह हमारा टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम है। यह ट्रेनिंग और लर्निंग अकादमी है। यहां नियुक्त किए गए फैकेल्टी मेंबर अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं जो लगातार शिक्षकों का स्किल बेहतर कर रहे हैं। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के दौरान शिक्षकों को पढाई करनी होती है, असाइनमेंट तैयार करना होता है और फिर यह परीक्षा पास करनी होती है।"