अडाणी-हिंडनबर्ग मामला: SEBI ने तैयार की अपनी जांच रिपोर्ट, जल्द सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगा- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर ली है।
बतौर रिपोर्ट्स, अडाणी समूह द्वारा शेयरों की कीमत में हेरफेर करने के आरोपों की जांच कर रहा SEBI जल्द ही अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप सकता है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में SEBI को 14 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में क्या सामने आ सकता है?
दि इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, SEBI की रिपोर्ट में मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के मानदंडों से संबंधित निष्कर्ष सामने नहीं आएंगे। हालांकि, संबंधित लेनदेन के संबंध में कुछ निष्कर्षों को रिपोर्ट में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में संबंधित-पक्ष लेनदेन और MPS मानदंड के उल्लंघन के आरोप लगाए थे, जिन्होंने अडाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण पर काफी प्रभाव डाला था।
जांच
SEBI ने कैसे पूरी की अपनी जांच?
बतौर रिपोर्ट्स, SEBI ने अपनी जांच के दौरान अडाणी समूह की कंपनियों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए कथित संदिग्ध लेनदेन की पड़ताल की।
इसके लिए कंपनियों के वित्तीय विवरण, वार्षिक रिपोर्ट, बैलेंस शीट, बैंक विवरण और अनुबंध समेत तमाम दस्तावेजों की विस्तृत जांच की गई।
SEBI को विदेशी लेनदेन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है क्योंकि कई अंतरराष्ट्रीय नियामक जानकारी साझा करने में सहयोग नहीं कर रहे थे।
जांच
सुप्रीम कोर्ट की समिति ने भी की थी जांच
बता दें कि पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने भी की थी।
पूर्व जज अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अडाणी समूह को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि जांच में किसी तरह की गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसे अडाणी समूह द्वारा शेयरों की कीमत में हेरफेर करने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च और अडाणी समूह से संबंधित ये पूरा मामला क्या है?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट में अडाणी समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था।
रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और निवेशकों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।