एक करोड़ रुपये जीतने का मौका, बस SEBI को देनी होगी यह सूचना
किसी कंपनी के इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने वालों को इनाम के रूप में बाज़ार नियामक SEBI से एक करोड़ रुपये तक का इनाम मिल सकता है। इसकी गोपनीयता बनाए रखने के साथ पूरी जानकारी साझा करने के लिए एक हॉटलाइन भी उपलब्ध करवाई जाएगी। बता दें कि SEBI ने इनसाइडर ट्रेडिंग निरोधक नियम के तहत नई 'सूचना प्रणाली' के लिए विस्तृत नियम तैयार किया है। इसी महीने मंज़ूरी के लिए इसे निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा।
क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग?
इनसाइडर ट्रेडिंग वैसे मामले को कहा जाता है, जहाँ कीमत से जुड़ी अप्रत्याशित संवेदनशील जानकारी अपने पास रखते हुए प्रतिभूतियों में कारोबार किया जाता है। SEBI नियमन निवेशकों की हितों की रक्षा के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाता है। अधिकारियों का कहना है कि SEBI के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वो इनसाइडर ट्रेडिंग का पता लगाने के लिए सभी क़ानूनों का उपयोग करे और भरोसा बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द कार्यवाई करे।
किसको मिलेगा इनाम का लाभ और किसको नहीं?
एक करोड़ रुपये का इनाम केवल लोगों और कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा। जबकि, ऑडिटर और पेशेवर इसका लाभ नहीं ले पाएँगे। पेशेवरों को इससे बाहर रखने का कारण यह है कि गड़बड़ी की जानकारी देने की ज़िम्मेदारी उन्ही की होती है।
क्यों लिया गया यह फ़ैसला?
बाज़ार नियामक को इनसाइडर ट्रेडिंग का पता लगाने के लिए तारों को जोड़ने और साक्ष्य जुटाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से जाँच में काफ़ी समय लग जाता है। यही वजह है कि SEBI ने जाँच और नियमों को लागू करने की व्यवस्था के तहत लोगों को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है। इस बारे में सम्बंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसके लिए विस्तृत नियमन तैयार किया गया है।
जून में जारी किया था परिचर्चा पत्र
बता दें कि SEBI ने इस बारे में जून में परिचर्चा पत्र जारी किया था। SEBI के नियमन के अनुसार, सूचना देने वालों को स्वैच्छिक सूचना घोषणा फ़ॉर्म (VIDF) देने की ज़रूर होगी। इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़ी विश्वसनीय, पूरी और मूल जानकारी देनी होगी। इसमें अप्रकाशित कीमत, संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान या नियमों का उलंघन कर कारोबार करना आदि शामिल है। VIDF में सूचना के स्त्रोत के बारे में भी जानकारी देना ज़रूरी होगा।
इनाम की अधिकतम राशि है एक करोड़ रुपये
SEBI सूचना संरक्षण कार्यालय (OIP) स्थापित करेगा, जो जाँच इकाई या अन्य विभागों से पूरी तरह अलग होगा। यह VIDF प्राप्त करने और उसके प्रसंस्करण के लिए ज़िम्मेदार होगा। OIP ही सूचना देने वालों को इनाम देने के बारे में निर्णय लेगा और सूचना देने वालों और SEBI के बीच मध्यस्थ होगा। OIP ही सूचना देने वालों की मदद के लिए हॉटलाइन भी स्थापित करेगा। इनाम की अधिकतम राशि एक करोड़ रुपये है।