'आदिपुरुष' के निर्माताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत, इलाहाबाद हाइ कोर्ट में सुनवाई पर लगाई रोक
लंबे विवाद के बाद पिछले महीने जब 'आदिपुरुष' रिलीज हुई, तो उसे हर तरफ से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों और समीक्षकों के गुस्से का सामना किया, बल्कि निर्माताओं को कानूनी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। फिल्म के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में कई याचिकाएं डाली गई थीं। अब इन मामलों में निर्माताओं को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
निर्माताओं को हाई कोर्ट में नहीं होना होगा पेश
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ हाई कोर्ट में डाली गई याचिकाओं की सुनवाई पर स्टे लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक और लेखक को पेश होने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगाई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 27 जुलाई को निर्माताओं को पेश होने के लिए कहा था। हाई कोर्ट ने मनोज मुंतशिर द्वारा लिखे गए संवादों को घटिया बताया था और उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा था।
सेंसर सर्टिफिकेट रद्द करने से भी इंकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट को रद्द किए जाने की याचिका पर सुनवाई से भी इंकार कर दिया है। फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसके सेंसर सर्टिफिकेट को रद्द करने की भी मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हर कोई हर किसी बात पर संवेदनशील हो गया है। किताबों और फिल्मों को लेकर सहिष्णुता कम होती जा रही है।"
सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
इलाहाबाद और दिल्ली हाई कोर्ट में डाली गई थीं याचिकाएं
पिछले साल फिल्म का टीजर आने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए याचिका डाली गई थी। पिछले महीने फिल्म रिलीज होने के बाद इस याचिका को संशोधित किया गया था और फिल्म के निर्माता और लेखक के खिलाफ धार्मिका भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत की गई थी। इसके अलावा फिल्म रिलीज होने के बाद एक धार्मिक संगठन ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी फिल्म पर प्रतिबंध के लिए याचिका डाली थी।
16 जून को रिलीज हुई थी 'आदिपुरुष'
'आदिपुरुष' 16 जून को रिलीज हुई थी। ओम राउत द्वारा निर्देशित इस फिल्म के संवाद मनोज मुंतशिर ने लिखे थे। फिल्म में प्रभास ने भगवान राम, कृति सैनन ने सीता और सैफ अली खान ने रावण का किरदार निभाया था। रिलीज होने के बाद फिल्म में दिखाए गए गलत तथ्य, किरदारों के चित्रण और आपत्तिजनक संवादों को लेकर हर तरफ गुस्सा फूट पड़ा था। निर्माताओं ने हाई कोर्ट में डाली गईं याचिकाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।