हिंडनबर्ग-अडाणी समूह मामला: शेयरों में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय- SEBI
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में लगातार आ रहे उतार-चढ़ाव के बीच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का बड़ा बयान सामने आया है। SEBI ने कहा कि वह शेयर बाजार में निष्पक्षता, कुशलता और उसकी मजबूत बुनियाद बनाए रखने के साथ सभी जरूरी निगरानी के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह विशिष्ट शेयरों में आ रहे अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए भी विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
SEBI ने क्या दिया है बयान?
SEBI ने अडाणी समूह का नाम लिए बिना कहा, "पिछले सप्ताह एक कारोबारी समूह के शेयरों की कीमत में असामान्य रूप से उतार-चढ़ाव देखा गया है। ऐसे में वह बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहता है। किसी खास शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सभी निगरानी उपाए किए गए हैं।" उसने आगे कहा, "बाजार में निवेशकों से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।"
सभी विशिष्ट मामलों की जांच करता है SEBI
SEBI ने यह भी कहा कि सभी विशिष्ट मामलों के संज्ञान में आने के बाद वह उनकी जांच करता है और उचित कार्रवाई करता है। ऐसे में इस मामले में अल्पकालीन अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) लागू किया गया है। बता दें कि यह व्यवस्था किसी भी शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के तहत अपने आप सक्रिय हो जाती है। इसमें शेयरों की सट्टेबाजी और शॉर्ट-सेलिंग रोकने केलिए 100 प्रतिशत अपफ्रंट मार्जिन लागू किया जाता है।
वित्त मंत्री ने भी दिया था मामले पर बयान
इससे पहले दिन में इस मामले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि भारतीय बाजार अच्छी तरह से विनियमित है और इस मामले से भारत पर निवेशकों के भरोसे में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा था कि भारत पहले की तरह ही एक अच्छी तरह से शासित, स्थिर सरकार और अच्छी तरह से विनियमित बाजार बना हुआ है। इसके कारण निवेशकों का विश्वास पहले की तरह बना रहना चाहिए। नियामक (रेगुलेटर्स) नियमों पर बेहद सख्त हैं।
RBI भी जारी कर चुका है बयान
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी अडानी समूह के भारतीय बैंकों की ओर से दिए गए लोन पर बैंकिंग सेक्टर के रेग्युलेटर बयान जारी कर चुका है। RBI का कहना था कि रेग्युलेटर और बैंकों के सुपवाइजर होने के नाते RBI पूरे बैंकिंग सेक्टर और प्रत्येक बैंकों पर लगातार निगरानी बनाए रखता है, जिससे वित्तीय स्थिरता बनी रहे। उसके बाद अडाणी समूह द्वारा बैंकों से किए गए लेनदेन की विशेष तौर पर जांच की जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अडाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
रिपोर्ट के बाद समूह को हुआ लाखों करोड़ रुपये का नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट जारी है और समूह को अब तक 120 अरब डॉलर (9.83 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा समूह ने 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) भी वापस लिया है। अडाणी समूह में LIC ने लगभग 32,800 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं, वहीं SBI ने उसे लगभग 27,000 करोड़ रुपये का लोन दे रखा है।