संसद में गूंजा अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का मामला, विपक्ष का हंगामा
अडाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का मुद्दा आज संसद में गूंजा। विपक्ष ने सदन की सामान्य कार्यवाही को स्थगित कर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की और अपनी इस मांग को लेकर हंगामा काटा। विपक्ष के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष ने एक उच्चस्तरीय समिति या पैनल से मामले की जांच कराए जाने की मांग भी की।
विपक्ष ने कहा- करोड़ों भारतीयों की मेहनत की कमाई खतरे में आई
नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आम आदमी पार्टी (AAP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के साथ मिलकर राज्यसभा में मुद्दे पर बहस का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव में कहा गया कि शून्य काल और दिन के बाकी कार्यों को निलंबित करके सदन को बाजार में नुकसान उठा रही कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के निवेश पर चर्चा करनी चाहिए, जिससे करोड़ भारतीयों की मेहनत की कमाई खतरे में आ गई है।
भारतीय लोगों और अर्थव्यवस्था को खतरे में डाला गया- BRS
BRS ने नोटिस में कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट उन खतरों को उजागर करती है, जिनमें भारतीय लोगों और अर्थव्यवस्था को डाला जा रहा है और इस पर तत्काल चर्चा की जानी चाहिए। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य व्हिप मणिकम टैगोर ने कार्यवाही स्थगित कर मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। इस मांग से पहले सुबह 13 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने खड़गे के चैंबर में बैठक की, जिसमें मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति तय की गई।
विपक्ष की JPC या सुप्रीम कोर्ट की टीम से जांच कराने की मांग
खड़गे के नेतृत्व में मीडिया से बात करते हुए विपक्षी पार्टियों ने मामले की उच्चस्तरीय समिति से जांच कराने की मांग की। खड़गे ने कहा, "हम मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे। हमारे नोटिस खारिज कर दिए गए। जब हम महत्वपूर्ण मुद्दे उठाते हैं तो चर्चा के लिए कोई समय नहीं दिया जाता है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की निगरानी में एक टीम को मामले की जांच करनी चाहिए।"
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अ़डाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
रिपोर्ट से अडाणी समूह को भारी नुकसान, LIC के भी हजारों करोड़ डूबे
पिछले हफ्ते हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट जारी है और अब तक उसे 100 अरब डॉलर (लगभग 8.2 लाख अरब रुपये) का नुकसान हो चुका है। LIC ने भी अडाणी समूह की कई कंपनियों में निवेश किया हुआ है, इसी कारण शेयरों की कीमत गिरने से LIC को भी नुकसान हो रहा है। शुरूआती तीन दिन में ही LIC को लगभग 16,627 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया था।