अडाणी-हिंडनबर्ग मामला: कांग्रेस का देशभर में LIC और SBI के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ता अडाणी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर देशभर में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी तरह कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। बता दें कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयरों में लगातार आ रहे उतार-चढ़ाव को लेकर केंद्र सरकार को घेर रही हैं।
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विपक्षी पार्टियों ने बैठक कर तय की रणनीति
विपक्ष की कई पार्टियों ने सोमवार सुबह सदन की कार्रवाई शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में अडाणी-हिंडनबर्ग मामले और अन्य मुद्दों को लेकर बैठक करते हुए आगे की रणनीति तैयार की। बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय लोक दल (RLD), समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), जनता दल यूनाइटेड (JDU) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) समेत अन्य पार्टियों के सांसद शामिल हुए।
प्रदर्शन को लेकर क्या बोली कांग्रेस?
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदर्शन को लेकर कहा था, "सरकार देश के लोगों की मेहनत के पैसे को प्रधानमंत्री के दोस्त के लिए जोखिम में नहीं डाल सकती। LIC ने अडाणी समूह में 36,474.78 करोड़ रुपये निवेश किए हैं। वहीं भारतीय बैंकों ने कुल मिलाकर लगभग 80,000 करोड़ रुपये इसमें निवेश किए हैं।" उन्होंने आगे कहा था कि हेरफेर की खबरों के बाद भी ये निवेश जारी है, जबकि समूह अरबों रुपये गंवा चुका है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अडाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।
रिपोर्ट से डूबे LIC के हजारों करोड़ रुपये
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडाणी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट जारी है और समूह को अब तक 120 अरब डॉलर (9.83 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। इसके अलावा समूह ने 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) भी वापस लिया है। अडाणी समूह में LIC ने लगभग 32,800 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं, वहीं SBI ने उसे लगभग 27,000 करोड़ रुपये का लोन दे रखा है।