हिंडनबर्ग रिपोर्ट: अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट जारी, लाखों करोड़ रुपये का नुकसान
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट जारी है और आज भी बाजार में उसकी कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से कीमतों में ये गिरावट हो रही है और समूह को अब तक 100 अरब डॉलर (8.2 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। कल गौतम अडाणी ने 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) भी वापस लिया था।
अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयर में नौ प्रतिशत की गिरावट दर्ज
आज अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयरों की कीमत में नौ प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि अडाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक जोन लिमिटेड के शेयर में तीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अडाणी समूह की अन्य कंपनियों, अडाणी विल्मर, अडाणी टोटल गैस, अडाणी पावर, अडाणी ट्रांसमिशन और अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर भी लगातार गिर रहे हैं। शुरुआती कारोबार में NDTV के शेयरों में भी पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
समूह को अब तक 8.2 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों के शेयरों की कीमत में गिरावट के कारण अडाणी समूह को अब तक 100 अरब डॉलर (8.2 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। हालांकि, इस बीच समूह की दोनों सीमेंट कंपनियों (अंबुजा सीमेंट और एसीसी) ने अच्छा कारोबार किया है। कल अडाणी समूह द्वारा FPO वापसी के ऐलान ने सबको चौंका दिया था क्योंकि पिछले दिनों विदेशी निवेशकों ने इसे खरीदने की घोषणा कर दी थी।
SEBI ने शुरू की जांच
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अडाणी इंटरप्राइजेज के FPO में किसी भी संभावित वित्तीय अनियमितता के अलावा हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए कई आरोपों की जांच भी शुरू कर दी है, जिससे निवेशकों में डर पैदा हो गया है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी भारतीय बैंकों से अडानी समूह की कंपनियों को दिये गए लोन की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
अडाणी समूह ने उठाया था 2 लाख करोड़ रुपये का लोन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022 में मार्च तक अडाणी समूह ने करीब दो लाख करोड़ रुपये का लोन उठाया था, जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत लोन भारतीय बैंकों द्वारा दिया गया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सिटी ग्रुप से जुड़ी एक लोन कंपनी ने अडाणी समूह के निवेशकों को उनके शेयर के बदले मार्जिन लोन देना भी बंद कर दिया है और वह अब समूह में निवेश नहीं करना चाहता है।
अडाणी ने निवेशकों से क्या कहा था?
अडाणी समूह के मालिक गौतम अडाणी ने FPO वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा था कि उनके लिए निवेशकों का हित सर्वोपरि है और बाजार में संभावित नुकसान के चलते यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, "इस निर्णय से समूह की भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उनकी कंपनियों से जुड़े मौजूदा निवेशकों को अभी घबराने की कोई आवश्यता नहीं है। जो नुकसान हुआ है, उसकी समीक्षा की जा रही है।"
क्या है हिंडनबर्ग से संबंधित पूरा मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। अ़डाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया है। समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है।