बजट 2021: अधिक कमाई वालों पर कोरोना टैक्स लगा सकती है सरकार- रिपोर्ट
कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने की तैयारी कर रही है। इसी बीच बड़ी खबर आई कि सरकार महामारी की वजह से अतिरिक्त खर्च (वैक्सीन की लागत भी शामिल) की भरपाई के लिए कोरोना टैक्स के नाम से नया उपकर लगाने पर विचार कर रही है। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन यदि यह लागू होता है तो आम आदमी को बड़ा झटका लगेगा।
बजट से पहले किया जाएगा नए उपकर पर फैसला
टाइम्स नाउ के अनुसार सरकार ने राजस्व बढ़ाने पर विचार कर रही है, लेकिन उपकर या अधिभार पर अंतिम फैसला 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट के आस-पास लिया जाएगा। बता दें कि उद्योगों के प्रतिनिधियों ने अपने बजट की सिफारिशों में कहा है कि कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाए क्योंकि अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है। विशेषज्ञों ने महामारी को लेकर उपकर वाले विचार का भी विरोध किया और कहा कि यह सही समय नहीं है।
अधिक कमाई करने वालों को हो सकती है परेशानी
सूत्रों के अनुसार सरकार ने उपकर के प्रस्ताव पर चर्चा की है। प्रारंभिक चर्चा में अधिक कमाई करने वाले और कुछ अप्रत्यक्ष करों पर छोटा टैक्स लगाने की बात कही गई है। एक अन्य प्रस्ताव पेट्रोलियम और डीजल पर या फिर सीमा शुल्क पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने पर भी हुई है। हालांकि, वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल द्वारा प्रशासित किया जाता है और केंद्र सरकार किसी भी सूरत में इस पर एकतरफा उपकर नहीं लगा सकता है।
उपकर लगाने पर विचार क्यों कर रही है सरकार?
बता दें कि कोरोना वैक्सीन लगाने का खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। हालांकि, वैक्सीन वितरण, कर्मचारियों के प्रशिक्षण और लॉजिस्टिक्स का बोझ राज्यों पर है। कोरोना टैक्स के जरिए सरकार जल्द से जल्द फंड्स जुटा सकेगी। यदि केंद्र सरकार सीधे टैक्स के रूप में यह खर्च वूसलती तो इसके विरोध की संभावना होगी। इसके अलावा केंद्र को इसका एक हिस्सा राज्यों को भी देना होगा, लेकिन उपकर से आने वाली पूरी रकम केंद्र की होगी।
16 जनवरी से देशभर में शुरू हो हो रहा है वैक्सीनेशन अभियान
बता दें देश में आगामी 16 जनवरी से कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार इस पर करीब 60,000-65,000 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा। वैक्सीनेशन के लिए तीन करोड़ कोर हेल्थकेयर ओर फ्रंंटलाइन वर्कर्स को वरीयता दी जाएगी। सरकार ने यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए उच्च स्तरीय बैठक में लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन की तैयारियों का जायज़ा भी लिया है।
कई राज्य लगा चुके हैं उपकर
बता दें महामारी में बजट की कमी के कारण कई राज्यों ने अपने करों पर एक उपकर लगाया था। इसमें झारखंड ने खनिजों पर कोरोना उपकर लगाया, जबकि पंजाब ने शराब पर अधिक टैक्स लगाया। दिल्ली ने शराब पर 70% कोरोना सेस लगाया, जिसे जून में वापस ले लिया गया, लेकिन वैट बढ़ा दिया गया। ऐसे में अब केंद्र सरकार भी करों पर नया उपकर लगाने की तैयारी में हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम आलोचना की है।