लोकसभा का पहला सत्र शुरू, बजट सहित इन अहम बिलों पर रहेंगी सबकी नजरें
आज से 17वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज हो गया। पहले दिन चुन कर आए सांसदों के शपथ लेनी है। इस कड़ी में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने शपथ ली। अब प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार अन्य सांसद वर्ण क्रमानुसार शपथ ले रहे हैं। आइए उन सभी महत्वपूर्ण बिल और कार्यों पर नजर डालते हैं, जो नई लोकसभा के इस पहले सत्र में होंगे।
शपथ में भाषा की विविधता का प्रदर्शन
लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान भारत में भाषा की विविधता का प्रदर्शन अपने चरम पर है और सांसद अलग-अलग भाषाओं में शपथ ले रहे हैं। बता दें कि नियमानुसार सांसद किसी भी भाषा में शपथ ले सकते हैं।
तीन तलाक बिल है सबसे बड़ी प्राथमिकता
पहले सत्र में मोदी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता नया तीन तलाक बिल है और ये नई लोकसभा में पेश होने वाला पहला बिल बन सकता है। केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे चुका है। बिल में तलाक-ए-बिद्दत को कानूनी अपराध बनाया गया है। यह बिल सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले कार्यकाल में इसे राज्यसभा में पारित करा पाने में असमर्थ रहने पर वह इस पर एक साल में तीन अध्यादेश लाई थी।
सरकार और विपक्ष में तकरार का पहला मुद्दा बन सकता है तीन तलाक बिल
पिछली बार जब तीन तलाक बिल को लोकसभा में पेश किया गया था, तब इस पर 4 घंटे बहस हुई थी और विपक्ष ने इसके कई प्रावधानों पर सवाल खड़े किए थे। इसलिए यह सरकार और विपक्ष में तकरार का पहला मुद्दा बन सकता है।
आधार समेत ये बिल भी किए जा सकते हैं पेश
मोदी सरकार तीन तलाक के अलावा आधार संसोधन बिल, 2019 भी लोकसभा में पेश कर सकती है। इसमें प्रावधान किया गया है कि आधार कार्ड न होने पर टेलीफोन कनेक्शन, बैंक अकाउंट या अन्य सुविधाओं के लिए इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा भारतीय चिकित्सा परिषद (संसोधन) बिल, 2019 और मोटर वाहन (संसोधन) बिल को भी पेश किया जा सकता है। बेहद विवादित रहे नागरिकता संसोधन बिल के पेश किए जाने की संभावना बेहद कम है।
आर्थिक संकट और बेरोजगारी के बीच बजट पर सबकी नजरें
5 जुलाई को देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नई सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। आर्थिक संकट और लगातार बढ़ती बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए यह बजट बेहद अहम होने वाला है। बजट में क्या हो सकता है, इस पर अभी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि सरकार प्रत्यक्ष कर की दर में परिवर्तन पर कोई फैसला ले सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, विपक्ष का हर शब्द बहुमूल्य
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को विश्वास में लेने की कोशिश की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "विपक्ष का हर शब्द बहुमूल्य है। विपक्ष को अपने नंबरों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं आशा करता हूं कि वह खुलकर बोलेंगे और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। जब हम संसद में आते हैं तो हमें पक्ष और विपक्ष भूल जाना चाहिए।" इससे पहले उन्होंने रविवार को सर्वदलीय बैठक की।