अनंत नागेश्वरन बने देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार, EAC के भी रह चुके हैं सदस्य

केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट और आर्थिक सर्वेक्षण की प्रस्तुति से पहले शुक्रवार को डॉ वी अनंत नागेश्वरन को देश का नया मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) नियुक्त किया। उन्होंने दोपहर में कार्यालय पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया है। नागेश्वरन ने केवी सुब्रमण्यम की जगह ली हैं। सुब्रमण्यम ने तीन साल इस पद पर रहने के बाद 17 दिसंबर, 2021 को इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से यही यह पद खाली पड़ा था।
NDTV के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने कहा, "सरकार ने डॉ वी अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है और आज उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया है।" बता दें कि आगामी एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संसद में आम बजट पेश करेगी। ऐसे में उसकी तैयारियों को देखते हुए सरकार ने खाली पड़े इस पद नियुक्ति की है। इससे पहले नागेश्वरम प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC) के पूर्व अंशकालिक सदस्य थे।
नागेश्वरन IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और क्रेना यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं। वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है। उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है।
CEA की नियुक्ति के बाद नागेश्वरन के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी। भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। कोरोना महामारी के बाद भी भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर नहीं पड़ी है। हालांकि, इस समय भारत के सामने बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है। सरकार पर इससे उबरने का भारी दबाव है। ऐसे समय में CEA के तौर पर नागेश्वरन से उम्मीद की जाएगी कि वह निवेश को पुनर्जीवित करते उच्च विकास का कोई नुस्खा प्रदान करें।