बजट सत्र: ट्रैक्टर परेड में हिंसा पर राष्ट्रपति बोले- तिरंगे और गणतंत्र दिवस का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण
क्या है खबर?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज इस दशक और साल के पहले बजट सत्र की शुरूआत हुई।
अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का खाका पेश किया और उसके वैक्सीनेशन अभियान की तारीफ की।
उन्होंने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा की निंदा भी की।
उन्होंने कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया और कहा कि मामले में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगी, सरकार उसे मानेगी।
बयान
तिरंगे और गणतंत्र दिवस का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर बोलते हुए कहा, 'पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।'
बता दें कि परेड में हुई इस हिंसा में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
बयान
कृषि कानूनों पर ये बोले राष्ट्रपति
कृषि कानूनों पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।"
उन्होंने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पूरा सम्मान करेगी।
संबोधन
'आत्मनिर्भर भारत' का किया जिक्र
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा।
उन्होंने कहा, "कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।"
इस मौके पर उन्होंने महामारी के दौरान उठाए गए सरकार के कदमों का भी जिक्र किया।
संबोधन
भारत का वैक्सीनेशन अभियान गर्व की बात- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में ही निर्मित हैं। भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं। मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।"
क्या आप जानते हैं?
संसद की नई इमारत को लेकर क्या बोले राष्ट्रपति?
राष्ट्रपति ने कहा कि संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए देश ने संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है।
बयान
व्यापक विमर्श के बाद लाए गए तीनों कृषि कानून- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि कानून पारित किए हैं। इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।
उन्होंने कहा कि फिलहाल इन कानूनों के अमल पर रोक है और सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।
जानकारी
सड़कों और इंटरनेट से जोड़े जा रहे गांव- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 6.42 लाख किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ है। अब सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।
अभिभाषण
रफ्तार पकड़ने लगी है अर्थव्यवस्था- राष्ट्रपति
संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना काल में प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी, उससे अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है।
जानकारी
राष्ट्रपति बोले- गलवान घाटी के शहीदों के प्रति कृतज्ञ है देश
गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि देश के 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है।
बयान
भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह दशक महत्वपूर्ण- प्रधानमंत्री मोदी
बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कहा कि देश के उज्जवल भविष्य के लिए यह दशक बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि शायद भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 2020 में वित्त मंत्री को अलग-अलग आर्थिक पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों को अपेक्षाएं हैं कि इस सत्र में पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हो।
जानकारी
विपक्ष ने किया बहिष्कार
कांग्रेस समेत 18 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। इसे लेकर इन दलों ने गुरुवार को ही अपना संयुक्त बयान जारी कर दिया था।