कांग्रेस का दावा- भाजपा के शासन में हर घंटे एक किसान कर रहा है खुदकुशी
क्या है खबर?
देश में लगातार बढ़ते किसानों के खुदकुशी करने के मामलों के पीछे कांग्रेस ने भाजपा की किसान विरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
इतना ही नहीं कांग्रेस का दावा है कि भारत के शासन में देश में हर घंटे एक किसान खुदकुशी कर अपनी जिंदगी समाप्त कर रहा है।
यही कारण है कि देश में साल 2021 में घटित हुए कुल खुदकुशी के मामलों में से 6.6 प्रतिशत किसानों के आत्महत्या करने से जुड़े हैं। यह बहुत गंभीर स्थिति है।
जिम्मेदार
सुसाइड नोट में भाजपा की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं किसान- कांग्रेस
महाराष्ट्र के पुणे में 17 सितंबर को खुदकुशी करने वाले किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी के मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि केदारी ने सुसाइड नोट में भाजपा सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने लिखा था कि उनके पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं हैं और सहायता न मिलने से वह आत्महत्या करने को मजबूर है।
उन्होंने सरकार से किसानों को उनकी उपज का उचित न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP) भी देने की मांग की है।
हालात
देश में हर घंटे एक किसान कर रहा खुदकुशी
श्रीनेत ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डाटा के अनुसार, देश में साल 2021 में 10,881 किसानों के खुदकुशी की थी, जो पिछले साल की गई कुल 1,64,033 आत्महत्याओं का 6.6 प्रतिशत है। इस हिसाब से देश में रोजाना 30 और हर घंटे एक किसान खुदकुशी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि साल 2014 से 2021 के बीच कुल 53,881 किसानों ने खुदकुशी की है। इस हिसाब से प्रतिदिन 21 किसानों ने अपनी जान गंवाई है।
आरोप
किसानों की बदहाली के लिए जिम्मेदार है सरकार की नीतियां- श्रीनेत
श्रीनेत ने कहा कि इस साल सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन किसानों को औसतन 27 रुपये की आय मिल रही है। ऐसे में वर्तमान में देश के किसानों की बदहाली के लिए केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता के कारण ही तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक चले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
परेशानी
महंगाई बढ़ाकर किसानों को लूट रही है सरकार- श्रीनेत
श्रीनेत ने कहा कि सरकार ने डीजल की कीमतों को बढ़ाकर किसानों को लूटने का काम किया है। इसी तरह कृषि उत्पादों पर GST बढ़ाकर भी परेशान किया है।
सरकार ने उर्वरक पर पांच प्रतिशत, कीटनाशकों पर 18 प्रतिशत, कृषि उपकरणों पर 12 प्रतिशत और ट्रैक्टरों पर 18 प्रतिशत GST लगाकर उत्पादन लागत को 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया है।
इसके उलट किसानों की औसत दैनिक कमाई 74,000 के औसत ऋण के मुकाबले महज 12 रुपये है।