9 लाख बैंक कर्मचारी आज से दो दिन की हड़ताल पर, ये सेवाएं होंगी बाधित
क्या है खबर?
दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के प्रस्तावित कदम के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के करीब नौ लाख कर्मचारी बुधवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं।
नौ बैंक यूनियनों के एक छत्र संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल का लोगों पर सीधा असर पड़ने की संभावना है।
ऐसे में यहां जानते हैं कि हड़ताल के कारण कौन-कौनसी सेवाएं बाधित रहेंगी।
कारण
UFBU ने क्यों किया हड़ताल का आह्वान
बता दें कि सालाना बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के ज़रिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी। मोदी सरकार ने कई सरकारी कंपनियों के साथ-साथ कुछ बैंकों के निजीकरण के जरिए यह रकम जुटाने की योजना बनाई है।
इसके तहत सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में मौजूदा कानूनों में संशोधन करके दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की योजना बनाई है। इसके विरोध में UFBU ने हड़ताल का आह्वान किया है।
यूनियन
हड़ताल में शामिल हैं इन बैंक यूनियनों के कर्मचारी
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस हड़ताल में UFBU में शामिल अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (NCBE), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (AIBOA), बैंक कर्मचारी परिसंघ (BEFI), इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन (INBEF) के कर्मचारी शामिल हैं। इसी तरह इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (NOBW), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (NOBO) के नौ लाख कर्मचारी शामिल हैं।
सेवाएं
बैंकों की हड़ताल से बाधित होंगी ये सेवाएं
बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से चेक क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर, डिमांड ड्रॉफ्ट, पासबुक निर्माण, पासबुक एंट्री और विभिन्न तरह के ऋण की सुविधाएं बाधित रहेगी।
इसको देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI), इंडियन बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक और केनरा बैंक आदि ने अपने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की थी, लेकिन कर्मचारियों ने हड़ताल के निर्णय को नहीं टाला है।
चेतावनी
मांगे नहीं मानने पर किया जाएगा आंदोलन- दास
AIBOC के महासचिव संजय दास ने कहा कि यदि सरकार ने बैंकों को बेचने का विचार नहीं छोड़ा तो दो दिवसीय हड़ताल के अलावा अन्य कई आंदोलनकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के इस कदम से अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बड़ा नुकसान होगा और स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऋण प्रवाह भी प्रभावित होगा। यह बेहद गंभीर स्थिति होगी।
बयान
सरकार ने नहीं मानी हमारी बात- वेंकटचलम
AIBEA के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि बुधवार को दिल्ली में अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष हुई सुलह बैठक विफल रही है। यदि सरकार संसद में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश नहीं करने का आश्वासन देती तो वह हड़ताल को टाल देते।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी बात नहीं मानी। ऐसे में हड़ताल को जारी रखने का निर्णय किया गया है। सभी कर्मचारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ हैं।
परेशानी
छुटि्टयों के चलते बढ़ेगी परेशानी
बता दें कि इस हड़ताल के बाद मेघायल में 18 दिसंबर को यू सोसो थाम की पुण्यतिथि होने के कारण भी बैंक नहीं खुलेंगे और फिर 19 दिसंबर को रविवार होगा। ऐसे में वहां अगले चार दिन बैंक बंद रहेंगे।
इसी तरह 24 दिसंबर को क्रिसमस, 25 दिसंबर को चौथा शनिवार, 26 दिसंबर को रविवार पड़ने पर भी बैंकों की छुट्टी रहेगी। ऐसे में आने वाले दिनों में बहुत कम दिन बैंक खुलेंगे और लोगों के कामकाज नहीं हो पाएंगे।