प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना रहेगी जारी, 80 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों की मुफ्त दिए जाने वाले राशन की अवधि को अब एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अगले एक साल तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मिलेगा। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसका ऐलान किया। मार्च, 2020 में कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी।
क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देशभर के BPL राशनकार्ड धारकों को प्रति महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम अनाज (गेंहू और चावल) मुफ्त दिया जाता है। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के समय मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का ऐलान किया था और ये अप्रैल, 2020 से शुरू हुई थी। इस योजना की अवधि दिसंबर, 2022 में समाप्त हो रही थी। अब केंद्र सरकार ने इस योजना की अवधि को और आगे बढ़ा दिया है।
सरकार पर पड़ेगा दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ
कोरोना महामारी के दौरान मार्च, 2020 में केंद्र सरकार ने पहला लॉकडाउन लगाया था। उसी समय प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत इस मुफ्त राशन योजना को शुरू किया गया था। सरकार के मुताबिक, देश के 80 करोड़ BPL कार्ड धारक परिवारों को इसका लाभ मिला। ऐसे में इस योजना की अवधि को अब केंद्र सरकार ने एक साल के लिए बढ़ा दिया है। इससे केंद्र सरकार को अब दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में योजना का हुआ विलय
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ''कैबिनेट ने दिसंबर 2023 का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के साथ विलय करने का फैसला किया है।'' एक आकलन के मुताबिक, इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान 28 महीनों तक गरीबों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया है। इस योजना की समयसीमा 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी।
ONORC से गरीबों और प्रवासी श्रमिकों को मिली मदद
पीयूष गोयल ने बताया कि राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी ने भी प्रवासी श्रमिकों को इस योजना का लाभ लेने में मदद की है। देश भर में लगभग पांच लाख राशन की दुकानों से वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत किसी भी प्रवासी मजदूर या अन्य को पोर्टेबिलिटी के माध्यम से मुफ्त राशन योजना का लाभ मिलेगा। अब तक 61 करोड़ से अधिक लोगों ने पोर्टेबिलिटी राशन के माध्यम से इस योजना का लाभ उठाया है।
गरीबी हटाने में योजना से मिली मदद
इस साल अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की एक स्टडी में सामने आया था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना गरीबी को रोकने में कामयाब रही। स्टडी के अनुसार, इस योजना के कारण महामारी के दौरान भी देश में अत्यंत गरीबों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई। इससे पहले हुई कुछ स्टडीज में महामारी के कारण भारत में अत्यंत गरीबी बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई थी।