बजट 2022: क्या है 'क्रिप्टो टैक्स' जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है ऐलान?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में इस साल का आम बजट पेश कर दिया है। इसमें उन्होंने वर्तमान में बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी के चलन को देखते हुए उसे टैक्स के दायरे में लाने की नीति का भी ऐलान किया है। इसके तहत अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्ट वसूला जाएगा। इस नीति को 'क्रिप्टो टैक्स' कहा जा रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है 'क्रिप्टो टैक्स' और यह कैसे लागू होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।
क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में हुई भारी बढ़ोतरी- सीतारमण
वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट भाषण में कहा, "डिजिटल, वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ऐसे में एक विशिष्ट कर व्यवस्था लागू करना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल, वर्चुअल या क्रिप्टोकरेंसी को गिफ्ट के रूप में लेने वाले लोगों से भी 30 प्रतिशत का टैक्स वसूला जाएगा और इसमें कोई रियायत नहीं दी जाएगी।"
डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर लगेगा एक प्रतिशत TDS
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर को सीमित करने के लिए भी योजना बनाई गई है। इसके तहत डिजिटल संपत्ति का एक सीमा से अधिक ट्रांसफर करने पर एक प्रतिशत TDS (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा। इसी तरह अधिग्रहण की लागत को छोड़कर आय की गणना करते समय खर्चों की कटौती की अनुमति नहीं होगी और हानि को किसी अन्य लाभ से समायोजित नहीं किया जाएगा।
कब से लागू होगा 'क्रिप्टो टैक्स'?
बता दें कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने के लिए इस पर टैक्स की घोषणा की है। संसद में बजट पारित होने के बाद यह 'क्रिप्टो टैक्स' प्रस्ताव अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल से अमल में आएगा। ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में अब क्रिप्टो जैसी डिजिटल संपत्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, बल्कि इसे एक अन्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में माना जाएगा। हालांकि, सरकार इसका लेनदेन सीमित रखना चाहेगी।
निजी क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित करने के लिए आने वाला था विधेयक
दिसंबर, 2021 में संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कहा जा रहा था कि सरकार क्रिप्टो पर बिल यानी क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक 2021 पेश कर सकती है, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। उसके बाद सरकार ने कहा था अभी बिल में कई पहलुओं पर चर्चा जारी है। ऐसे में उस सत्र में क्रिप्टो पर कोई ऐलान नहीं किया गया और अब सीधे बजट में सरकार ने क्रिप्टो को टैक्स के दायरे में ला दिया है।
डिजिटल रुपया जारी करेगा RBI
वित्त मंत्री सीतारमण ने इसी साल डिजिटल रुपया लाने का भी ऐलान किया है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करेगा। यह नकदी का इलेक्ट्रॉनिक रूप होगा और इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकेगा। इससे अर्थव्यवस्था में नकदी पर निर्भरता कम हो जाएगी।
नए परिसंपत्ति वर्ग के लिए अच्छी बात है क्रिप्टो टैक्स- अमिताभ कांत
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने कहा, "भारत में क्रिप्टो जैसी डिजिटल संपत्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा, बल्कि इसे एक अन्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में माना जाएगा। यह क्रिप्टो जैसे नए परिसंपत्ति वर्ग के लिए एक अच्छी बात है।" नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि सरकार स्थिर और भरोसेमंद टैक्स व्यवस्था की बात पर कायम है और ऑनलाइन डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण को टैक्स के दायरे में लाया गया है।