क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जानिए इसका पूरा गणित
क्रिप्टोकरेंसी, यानी कि नए जमाने की डिजिटल करेंसी। इसका जिक्र आजकल खूब किया जा रहा है और इसे भविष्य की मुद्रा मानते हुए युवा एकदूसरे को इसमें निवेश की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर लोगों के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक नया शब्द है और वे इसके लेनदेन के बारे में कुछ नहीं जानते। जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने या इसके बारे में चर्चा करने से पहले इसका मतलब समझा जाए और इसके काम करने का तरीका पता हो।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी का मतलब?
कागज या सिक्कों की मदद से तैयार किए जाने वाली मुद्रा के मुकाबले डिजिटल लेनदेन का चलन बढ़ गया है। इससे एक कदम आगे बढ़कर मुद्रा की ऐसी व्यवस्था तैयार की गई है, जो पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम की शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए। क्रिप्टोकरेंसी ऐसी मुद्रा है, जो दिखती नहीं और जिसका लेनदेन पूरी तरह वर्चुअल होता है।
कितनी तरह की होती है क्रिप्टोकरेंसी?
मार्केट रिसर्च वेबसाइट कॉइनमार्केटकैप की मानें तो अभी 10 हजार से ज्यादा तरह ही क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल पब्लिकली किया जा रहा है। अगस्त, 2021 तक इनकी कुल वैल्यू 1.9 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1.39 लाख अरब रुपये) से ज्यादा की है। बिटकॉइन, ईथेरम और बाइनेंस कॉइन सबसे ज्यादा मार्केट कैपिटल वाली और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज हैं। इन करेंसीज की वैल्यू मार्केट के हिसाब से लगातार बदलती रहती है और इन्हें अलग-अलग कीमत पर खरीदा जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी तेजी से लोकप्रिय क्यों हो रही है?
दूसरी मुद्राओं या करेंसीज की तरह क्रिप्टोकरेंसी पुराने बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करती और इसपर अलग-अलग देश की सरकारों का नियंत्रण नहीं होता। यानी कि बिना किसी मीडियेटर बॉडी के नियंत्रण इन्हें इस्तेमाल करने वालों के पास होता है और वे डिजिटल करेंसी से खरीददारी कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य की मुद्रा माना जा रहा है और लोग इसमें निवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि बीते कुछ साल में इसकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है।
कैसे मिल सकती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी को आप किसी कंपनी के शेयर्स मान सकते हैं, जिन्हें खरीदने के लिए तय रकम देनी होती है। इन शेयर्स की कीमत घट या बढ़ सकती है और जरूरत पड़ने पर आप ये शेयर बेच भी सकते हैं। ठीक इसी तरह आपको क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए अपनी मुद्रा (जैसे- डॉलर या रुपये) में रकम चुकानी होती है। कुछ वक्त बीतने के बाद आपकी ओर से खरीदी गई क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू कम या ज्यादा मिल सकती है।
कैसे काम करता है क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन?
जाहिर सी बात है कि क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन का एक डाटाबेस होना जरूरी है और यहां ब्लॉकचेन काम आती है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से होने वाले लेनदेन ब्लॉकचेन में रिकॉर्ड होते हैं। यानी कि अगर एक यूजर ने क्रिप्टोकरेंसी की मदद से दूसरे को भुगतान किया तो यह जानकारी एक ब्लॉक में एनक्रिप्ट कर दी जाएगी और क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू एक से दूसरे यूजर के पास सुरक्षित ढंग से ट्रांसफर कर दी जाएगी।
कैसे स्टोर की जा सकती है क्रिप्टोकरेंसी?
किसी मुद्रा या करेंसी को स्टोर करने के लिए एक वॉलेट की जरूरत पड़ती है। असली नोट जेब में रखे पर्स में और डिजिटल लेनदेन से जुड़ी जानकारी हम पेमेंट ऐप्स या वॉलेट में रखते हैं। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद आपको उसे अपने डिजिटल वॉलेट में रखना होता है, जो काम क्रिप्टो ऐप्स कर देती हैं। ऐसे वॉलेट्स में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या बेचने का विकल्प देते हुए भारत में एक दर्जन से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट काम कर रहे हैं।
घटती या बढ़ती क्यों है क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू?
क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं बल्कि दुनिया की सभी मुद्राओं की वैल्यू घटती और बढ़ती रहती है। अगर किसी करेंसी को में ज्यादा लोग निवेश करना चाहते हैं और करेंसी सीमित है, तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। वहीं, इस्तेमाल करने वाले ज्यादा हो जाएं और निवेश करने वाले कम तो वैल्यू कम होने लगती है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले बढ़ गए हैं इसलिए आज एक बिटकॉइन की कीमत करीब 33 लाख रुपये के बराबर है।
क्या हैं क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के फायदे?
भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किए जाने वाले पेमेंट ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती। क्रिप्टोकरेंसी की मदद से किया जाने वाला लेनदेन गोपनीय भी होता है। साथ ही इसकी तेजी से बढ़ती वैल्यू भी इसमें किए गए निवेश को बेहतर बना सकती है।
क्या आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहिए?
क्रिप्टोकरेंसी नया कॉन्सेप्ट नहीं है और अमेजन जैसे कई कंपनियां इससे भुगतान का विकल्प देती हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण आसान नहीं है क्योंकि कोई संस्था या नियामक संगठन इसके मार्केट में फ्लो को मॉनीटर नहीं करता। यानी कि इसकी वैल्यू घटेगी या बढ़ेगी, इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता जबकि किसी करेंसी का स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता है। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या इसमें निवेश करने का फैसला इससे जुड़े रिस्क को ध्यान में रखने के बाद ही किया जाना चाहिए।