सुप्रीम कोर्ट ने हटाया क्रिप्टोकरेंसी पर लगा प्रतिबंध, अब बिटकॉइन में हो सकेगा कारोबार
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। अब बैंक क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन कर सकेंगे।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में सर्कुलर जारी कर बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) समेत दूसरे संस्थान इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए 28 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
जानकारी
तीन जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया। बेंच में जस्टिस रोहिंगटन फली नरीमन, जस्टिस आर रवींद्र भट्ट, जस्टिस वी सुब्रह्मण्यन शामिल थे। बेंच ने RBI द्वारा लगाए प्रतिबंध को अनुचित ठहराया है।
सुनवाई
ये थी RBI और IAMAI की दलीलें
रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को बिटकॉइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन या उससे जुड़ी हर तरह की वित्तीय सेवाएं बंद करने को कहा था।
इसके खिलाफ IAMAI की दलील थी कि RBI ने वर्चुअल करेंसी में कामकाज पर ही रोक लगा दी है।
वहीं RBI ने हलफनामा दायर कर कहा था कि उसने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। उसने केवल बैंकों और अन्य इकाइयों को इसके जोखिमों से बचाने के लिए यह कदम उठाया था।
क्या आप जानते हैं?
खुद की डिजिटल करेंसी लाने पर विचार कर रहा RBI
RBI ने क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इससे कालेधन और हवाला के जरिए लेन-देने के मामलों में इजाफा होगा। RBI खुद की डिजिटल करेंसी लाने की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके लिए उसने एक कमेटी भी बनाई है।
क्रिप्टोकरेंसी
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है एक और मामला
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बताने के फैसले का बड़ा असर होगा। इससे निवेशकों और क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली है।
हालांकि, सरकार ने पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी रखने, माइन करने, बेचने और इसका कारोबार पर कड़े प्रतिबंध लागू किए हुए हैं। इसके तहत 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इस सिलसिले में दिशानिर्देश जारी करने संबंधित अलग मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
क्रिप्टोकरेंसी
2009 में शुरू हुई थी क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है। यह इंटरनेट पर चलने वाली वर्चुअल करेंसी है। यह पूरी तरह स्वतंत्र होती है और इसका कोई मालिक नहीं होता। यह किसी भी केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से मुक्त होती है, जो इसकी एक बड़ी खामी मानी जाती है।
इसकी शुरुआत 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई थी। दुनिया में बिटकॉइन और एथेरम समेत लगभग 2,116 क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। इनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर है।