ब्राजील: सरकारी इमारतों पर हमलों के विरोध में निकलीं रैलियां, जानें और क्या-क्या हुआ
क्या है खबर?
ब्राजील के संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों के धावे के विरोध में हजारों लोगों ने सोमवार को रैलियां निकालीं।
ब्राजील के सबसे बड़े शहर साओ पाउलो में हजारों लोगों ने सड़कों पर उतरकर बोल्सोनारो को जेल भेजने की मांग की।
दूसरी तरफ पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल 1,500 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
आइये जानते हैं कि रविवार को हुई हिंसा के बाद क्या-क्या हुआ है।
पृष्ठभूमि
रविवार को क्या हुआ था?
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों ने रविवार को देश की अहम सरकारी इमारतों पर धावा बोला था।
चुनावी हार स्वीकार करने से इनकार कर चुके बोल्सोनारो के हजारों समर्थकों ने राजधानी ब्राजिलिया स्थित राष्ट्रपति भवन, संसद और सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोला और जमकर तोड़फोड़ की।
हालांकि, बोल्सोनारो ने इस हिंसा की निंदा करते हुए इसमें अपनी भूमिका से इनकार किया था।
अमेरिका और कनाडा समेत कई देशों ने हिंसा की निंदा की है।
जानकारी
राष्ट्रपति ने किया प्रभावित स्थलों का दौरा
सोमवार शाम को 77 वर्षीय राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने संसद, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट का दौरा किया और तोड़फोड़ का जायजा लिया। यहां लूला ने हिंसा को 'आतंकी कृत्य' करार देते हुए एक बार फिर दोषियों को कड़ी सजा देने की बात दोहराई।
जानकारी
लूला ने सुरक्षाबलों की आलोचना की
रविवार को सरकारी इमारतों में हिंसा होने देने के लिए राष्ट्रपति लूला ने सुरक्षा एजेंसियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राजधानी ब्राजिलिया की पुलिस ने इसे अनदेखा किया, ब्राजिलिया की इंटेलीजेंस ने इसे नजरअंदाज किया।
उन्होंने कहा कि फुटेज में साफ दिख रहा है कि पुलिस अधिकारी दंगाइयों से बात कर रहे थे। दंगाइयों और पुलिस के बीच खुली मिलीभगत थी।
लूला के अलावा कई अन्य लोगों ने भी पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
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हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
सरकारी इमारतों पर हुए हमलों के विरोध में सोमवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और बोल्सोनारो की गिरफ्तारी की मांग की। इनमें भाग लेने वाले अधिकतर लोगों ने वामपंथी वर्कर्स पार्टी के लाल रंग के कपड़े पहने हुए थे।
उनका कहना था कि तख्तापलट के इच्छुक लोगों पर कोई रहम नहीं किया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
रैली में शामिल लोगों ने ब्राजील की सबसे मशहूर जगह पोलिस्ता एवेन्यू को भी जाम कर दिया।
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ब्राजिलिया के गवर्नर को पद से हटाया गया
ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने ब्राजिलिया के गवर्नर इबेनईस रोका को 90 दिनों के लिए उनके पद से हटा दिया है। कानून मंत्री ने रोका को दंगे रोकने में विफल करार देते हुए कहा कि उन्होंने हिंसा के दौरान चुप्पी साधे रखी।
कार्रवाई
बोल्सोनारो समर्थकों के कैंप हटाए गए
रविवार को हुई हिंसा के बाद राष्ट्रपति लूला ने आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया है।
सोमवार को पुलिस ने ब्राजिलिया में बने बोल्सोनारो के समर्थकों के कैंपों को हटाना शुरू कर दिया है। दरअसल, कई समर्थकों ने चुनाव नतीजों से नाखुश होकर अलग-अलग शहरों में अपने कैंप लगा लिए हैं। इनमें से कई सैन्य कैंपों के बाहर बने हुए हैं।
बोल्सोनारो के कई समर्थकों की मांग है कि अब सेना को हस्तक्षेप करना चाहिए।
जानकारी
बोल्सोनारो बीमार, अस्पताल में भर्ती
चुनाव के बाद से ब्राजील छोड़कर अमेरिका में रह रहे बोल्सानारो को पेट दर्द के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि बोल्सोनारो में अक्टूबर में हुए चुनाव में आए नतीजों को स्वीकार नहीं किया है।
राष्ट्रपति चुनाव
मामूली अंतर से चुनाव हारे थे बोल्सोनारो
पिछले साल अक्टूबर में हुए चुनाव के बाद ब्राजील की सत्ता दक्षिणपंथ से वामपंथ के हाथ आ गई है।
वामपंथी वर्कर्स पार्टी के लूला डा सिल्वा ने दक्षिणपंथी जायर बोल्सोनारो को हराकर यह चुनाव जीता था। हालांकि, दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही और लूला को 50.9 प्रतिशत वोट मिले, जबकि बोल्सोनारो के खाते में 49.1 फीसदी वोट आए।
लूला की जीत घोषित होने के बाद से ही बोल्सोनारो के समर्थकों ने उनके खिलाफ विरोध शुरू कर दिया था।