अडाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर, शेयरों में भारी गिरावट
अडाणी समूह की सभी नौ लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को भी भारी गिरावट देखी जा रही है। शुक्रवार को बाजार खुलने के शुरुआती कारोबारी घंटों में समूह की मार्केट कैप में दो लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। बुधवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद से यह गिरावट देखी जा रही है और अब तक समूह कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये गंवा चुका है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। अडाणी समूह के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री शुरू होने से पहले यह रिपोर्ट सामने आई है। इसमें दावा किया गया है कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है।
किस कंपनी के शेयर में कितनी गिरावट?
खबर लिखे जाने तक अडाणी टोटल गैस का शेयर आज 20 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। इसी तरह अडाणी ट्रांसमिशन के शेयर में 19 प्रतिशत, अडाणी ग्रीन एनर्जी में 20 प्रतिशत, अडाणी पोर्ट 15 प्रतिशत और अडाणी पावर और अडाणी विलमार के शेयरों में 5-5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइज का शेयर लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था।
कंपनी के जवाब के बाद भी शेयरों में गिरावट
अडाणी समूह ने रिपोर्ट में लगाए आरोपों का खंडन करते हुए इसके जवाब में हिंडनबर्ग रिसर्च पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद भी शुक्रवार को बाजार में समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ खुले। बता दें कि दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी का कारोबार कमोडिटी, एयरपोर्ट, पोर्ट, यूटिलिटी और नवीन ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में फैला है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी भी बताया जाता है।
अडाणी समूह ने आरोपों पर क्या कहा है?
अमेरिका में स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ऐसी कंपनियों में शेयरों में सट्टा लगाती है, जिनके भाव कम होने की संभावना होती है। इसने अडाणी समूह पर शेयरों और खाते में धांधली के आरोप लगाए है। इसका जवाब देते हुए अडाणी समूह ने कहा कि इस रिपोर्ट में दुर्भावनापूर्ण और चुनिंदा गलत जानकारियां दी गई हैं। गुरुवार को समूह ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिका और भारत में कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।
हिंडनबर्ग ने कहा- कार्रवाई का स्वागत है
अडाणी समूह की तरफ से कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए हिंडनबर्ग ने कहा कि वो अपनी रिपोर्ट पर कायम है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई का स्वागत करेगी। हिंडनबर्ग ने कहा कि समूह ने उनके गंभीर मुद्दों पर जवाब नहीं दिया है। समूह ने दो साल में तैयार रिपोर्ट को बिना रिसर्च की रिपोर्ट बताया है। अगर अडाणी समूह गंभीर है तो उसे अमेरिका में केस दायर करना चाहिए।
विपक्ष ने की जांच की मांग
यह रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत में विपक्षी पार्टियों ने मामले की जांच की मांग की है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यह महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार इन आरोपों का संज्ञान ले। वहीं केटी रामाराव ने भी जांच एजेंसियों और बाजार नियामक से अडाणी समूह की गतिविधियों की जांच की मांग की है। बता दें कि अडाणी की सरकार से नजदीकियों को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है।