अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए केंद्र सरकार ने किए ये आठ बड़े ऐलान
कोरोना वायरस महामारी के चलते डामाडोल हुई देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को आठ बड़े ऐलान किया है। इसमें कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को 1.1 लाख करोड़ की लोन गारंटी, छोटे कर्ज लेनदारों को कम ब्याज पर 1.25 लाख तक का कर्ज, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये और पर्यटन सहित अन्य क्षेत्र की मजबूती के लिए घोषणाएं शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की है।
स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किया 50,000 करोड़ का प्रावधान
वित्त मंत्री सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए 1.1 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की। इसमें उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र को 50,000 करोड़ के ऋण की गारंटी दी जाएगी। इसमें अधिकतम 100 करोड़ के ऋण पर 7.95 प्रतिश ब्याज लिया जाएगा। इसी तरह अन्य क्षेत्रों को 60,000 करोड़ रुपये के ऋण की गारंटी दी जाएगी। इस सेक्टर में अधिकतम ब्याज दर 8.25 प्रतिशत रहेगी।
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया 23,220 करोड़ रुपये का प्रावधान
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इस साल 23,220 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे। इससे 9,000 से ज्यादा कोरोना सेंटर तथा ऑक्सीजन और ICU बेड्स बढ़े हैं।
इमरजेंसी क्रेडिट ऋण गारंटी योजना में 1.5 लाख करोड़ अतिरिक्त की घोषणा
वित्त मंत्री सीतारमण ने आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत घोषित इमरजेंसी क्रेडिट लोन गारंटी योजना (ECLGS) में 1.5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की भी घोषणा की है। इस योजना में अब तक कुल 2.69 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। ऐसे में अब इस योजना का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। योजना में अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
25 लाख छोटे कारोबारियों को मिलेगा 1.25 लाख रुपये का ऋण
वित्त मंत्री सीतारमण ने क्रेडिट गारंटी योजना चलाने की भी घोषणा की है। इसमें करीब 25 लाख छोटे कारोबारी व्यक्तिगत NBFC सूक्ष्म वित्त संस्थान से 1.25 लाख रुपये तक ऋण ले सकेंगे। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नए ऋण वितरित करना है। इस ऋण पर बैंक के MCLR पर अधिकतम दो प्रतिशत जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा। इस ऋण की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी। 89 दिन के डिफॉल्टर भी इसके लिए योग्य होंगे।
पंजीकृत पर्यटक गाइड और ट्रेवल एजेंसियों के लिए भी किया ऐलान
वित्त मंत्री सीतारमण ने कोरोना महामारी से प्रभावित पंजीकृत पर्यटक गाइड और ट्रेवल टूरिज्म एजेंसियों की मदद के लिए भी बड़ी घोषणा की है। सरकार इन्हें भी वित्तीय मदद मुहैया कराएगी। इसमें लाइसेंधारी पर्यटक गाइड को एक लाख रुपए और ट्रेवल एजेंसियों को 10 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाएगा। इस ऋण को 100 प्रतिशत गारंटी दी जाएगी। इसी तरह इस प्रकार के ऋण पर किभी तरह का प्रसंस्करण शुल्क नहीं लिया जा सकेगा।
पांच लाख पर्यटकों को दिया जाएगा मुफ्त वीजा
वित्त मंत्री सीतारमण ने पर्यटन क्षेत्र को मजबूती देने के लिए भी बड़ी घोषणा की है। इसके तहत यात्रा प्रतिबंध खुलने के बाद भारत आने वाले पहले पांच लाख विदेशी पर्यटकों को मुफ्त वीजा दिया जाएगा। यह योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी। इस योजना में 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। एक पर्यटक एक बार ही योजना का लाभ उठा सकेगा। बता दें कि 2019 में 1.93 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत आए थे।
31 मार्च तक बढ़ाई गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की अवधि
वित्त मंत्री सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है। इस योजना के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के PF का भुगतान करती है। सरकार ने योजना में 22,810 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस योजना का 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
किसानों के लिए 14,775 करोड़ रुपये की सब्सिडी की घोषणा
वित्त मंत्री सीतारमण ने देश के किसानों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को कुल 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इसमें 9,125 करोड़ रुपये की सब्सिडी DAP पर दी गई है। इसी तरह 5,650 करोड़ की सब्सिडी NPK पर दी गई है। रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई। अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपये सीधे दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मिल रहा लाभ
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मई 2021 में फिर से लॉन्च किया गया है। इसके तहत करीब 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा। 2020-21 में इस योजना पर 1,33,972 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ऐसे में इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल और इस साल मिलाकर इस योजना पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपये खर्च होंगे।