कोरोना वायरस महामारी के कारण लगातार दूसरी तिमाही में कम हुई घरेलू बचत
कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लगातार दूसरी तिमाही में घरेलू बचत में कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शुरूआती अनुमान में 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में घरेलू आर्थिक बचत को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 8.2 प्रतिशत बताया गया है। इससे पहले सितंबर में खत्म हुई तिमाही में घरेलूत बचत GDP का 10.4 प्रतिशत रही थी, वहीं जून में खत्म हुई तिमाही में यह 21 प्रतिशत थी।
कुल आर्थिक संपत्ति और बैंक जमा में भी आई कमी
RBI के अनुमान के अनुसार, पिछले साल की तीसरी तिमाही में परिवारों की कुल आर्थिक संपत्ति में भी गिरावट आई और ये 4,44,583 करोड़ रुपये रही। जुलाई-सितंबर तिमाही में ये आंकड़ा 4,91,906 करोड़ रुपये था, वहीं अप्रैल-जून तिमाही में 8,15,886 करोड़ रुपये था। परिवारों के बैंक जमा का अनुपात भी सितंबर तिमाही में GDP के 7.7 प्रतिशत से घटकर दिसंबर तिमाही में 3 प्रतिशत हो गया। ये सितंबर में 3,67,264 करोड़ था जो दिसंबर में 1,73,042 करोड़ रुपये हो गया।
इन चीजों में भी देखने को मिला उतार-चढ़ाव
परिवारों के पास मौजूद कैश में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जहां अप्रैल-जून तिमाही में घरेलू कैश 2,06,889 करोड़ रुपये था, वहीं जुलाई-सितंबर तिमाही में ये घटकर 17,225 करोड़ रुपये हो गया। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में इसमें एक बार फिर से उछाल देखने को मिला है और ये बढ़कर 91,456 करोड़ रुपये हो गई। इक्विटी संपत्ति जून तिमाही में 18,599 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर तिमाही में 8,291 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही में 5,307 करोड़ रुपये हो गई।
घरेलू ऋण में भी आई कमी
RBI ने कहा कि यह बदलाव परिवारों की वित्तीय संपत्ति में वित्तीय ऋण के मुकाबले अधिक कमी के कारण हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर तिमाही में घरेलू वित्तीय ऋण 2,48,418 करोड़ रुपये हो गया, जबकि सितंबर तिमाही में यह 2,54,912 करोड़ रुपये था। RBI के अनुसार, बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ऋण लेने के बावजूद घरेलू ऋण कम हुआ क्योंकि नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) से उधारी में कमी आई।
घरेलू बचत में 41 प्रतिशत भागेदारी वित्तीय बचत की
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने इन आंकड़ों पर कहा, "घरेलू बचत में से एक बड़ा हिस्सा, लगभग 41 प्रतिशत वित्तीय बचत है। महामारी की शुरूआत और फिर लॉकडाउन के बाद शुरूआत में 2020-21 की पहली तिमाही में घरेलू वित्तीय बचत में इजाफा देखने को मिला, लेकिन दूसरी तिमाही में इसके बड़ी गिरावट आई।" आंकड़ों में तीसरी और चौथी तिमाही में सर्कुलेश में चल रहे कैश में भी वृद्धि दर्शायी गई है।