
बजट: हरित योजनाओं को लेकर कई अहम ऐलान, गोबरधन योजना के तहत बनेंगे 500 नए प्लांट
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में हरित योजनाओं को लेकर कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने कहा कि ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम को पर्यावरण सुरक्षा कानून के तहत लाया जाएगा और सरकार ऊर्जा क्षेत्र में 35,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इसके अलावा गोबरधन योजना के तहत 500 नए प्लांट बनाए जाएंगे, जिसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
इसके साथ ही सरकार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हुए 10,000 बायो इनपुट रिसर्च सेंटर बनाएगी।
गोबरधन योजना
नवीकरणीय ऊर्जा पर 20,000 करोड़ का होगा निवेश
इस बजट में सरकार ने गोबरधन योजना के तहत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है।
मोदी सरकार की ओर से साल 2018 में गोबरधन योजना का ऐलान और फरवरी, 2021 में इस योजना से संबंधित एक वेब पोर्टल लॉन्च किया गया था।
इस योजना का उद्देश्य रासायनिक खाद की निर्भरता को कम करना और जैविक खाद को बढ़ावा देना है।
किसानों से गोबर खरीद कर उससे खाद और बायो-ईधन बनाया जाता है।
पर्यावरण सुरक्षा
प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाएगी सरकार
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है, इसलिए प्रदूषण फैलने वाले पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को बदल कर वैकल्पिक यातायात व्यवस्था को अपनाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि देश को सतत ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए यह बड़ा कदम है और केंद्र सरकार प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाने जा रही है। केंद्र द्वारा इस कार्य में राज्य सरकारों की भी पूरी मदद की जाएगी।
PM प्रणाम योजना
सरकार जल्द 'PM प्रणाम' कार्यक्रम शुरू करेगी
वित्त मंत्री ने कहा कि 'PM प्रणाम' नाम से सरकार जल्द एक नया कार्यक्रम शुरू करेगी, जिसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाया दिया जाएगा।
इसके अलावा किसानों को वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण के लिए बैटरी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं अमृत धरोहर योजना के तहत झीलों को संरक्षित और पुनर्जीवित करते हुए हरित खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
मिष्ठी योजना
MISTHI योजना की शुरुआत
वित्त मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से सरकार जल्द 'मिष्ठी' (MISTHI) योजना की शुरुआत करेगी। इसके तहत तटीय इलाकों में मैंग्रोव (एक जलीय पौधा) के संरक्षण और संवर्धन का कार्य किया जाएगा।
बता दें कि समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मैंग्रोव बहुत बढ़ी भूमिका निभाते हैं। यह समुद्र को तटीय स्थिरता प्रदान करते हैं। कई देश इसके संरक्षण को लेकर काम कर रहे हैं।