बजट 2022: सरकार ने बताया समावेशी और दूरदर्शी, विपक्ष बोला- आम लोगों के लिए कुछ नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार का 10वां और अपना चौथा बजट पेश किया। इसमें उन्होंने डिजिटल रुपया लाने से लेकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने समेत कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। अब बजट पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। सत्ता पक्ष के नेता इसे समावेशी बजट बता रहे हैं वहीं विपक्षी इसकी आलोचना करते हुए कह रहे हैं कि बजट में आम लोगों के लिए कुछ नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आम आदमी के लिए नए मौके लेकर आएगा। यह विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और संभावनाओं से भरा बजट है। हर क्षेत्र में इसका स्वागत हुआ है और लोगों ने इसे सराहा है। उन्होंने कहा कि गरीबों को पक्के आवास, हर नल में जल और मूलभूत सुविधाओं मुहैया कराने पर जोर देते हुए यह बजट बनाया गया है। इसमें प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर लिखा कि यह एक दूरदर्शी बजट है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का स्केल बदलने वाला बजट साबित होगा। ये बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के नए भारत की नींव डालेगा। अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि बजट का आकार बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ करना भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। राजस्व घाटे का लक्ष्य 6.9% से घटाकर 6.4% करना बहुत बड़ी उपलब्धि है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बजट ऐलानों का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर सरकार के ध्यान को रेखांकित करता है। भूमि सुधारों का डिजिटलीकरण भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल देगा और यह किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि रक्षा समेत कई क्षेत्रों में शोध और विकास के लिए पर्याप्त आवंटन किया गया है।
नितिन गडकरी ने ट्विटर पर लिखा कि यह देश में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने वाला बजट है, जो नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों की ज़िंदगी बेहतर करेगा। प्रधानमंत्री गतिशक्ति के माध्यम से 2022-23 में सड़क परिवहन मास्टरप्लान को अंतिम रूप दिए जाने के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में बदलाव को बढ़ावा देने एवं शून्य ईंधन नीति के निर्णयों से शहरी क्षेत्रों को विशेष गति मिलेगी।
ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, ये पिछले साल के बजट की निरंतरता में है। इस बजट से भारत की लंबे समय तक ग्रोथ होगी, इसकी खासियत ये है कि ये पूंजीगत व्यय पर फोकस करता है। पिछले साल 5.54 लाख करोड़ दिए गए थे इसे बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ कर दिया गया है: अमिताभ कांत, नीति आयोग के CEO pic.twitter.com/hdJyGRdAbx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 1, 2022
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ये बहुत समावेशी बजट है, ये बजट गरीबों, गांव, पूर्वोत्तर के लिए है। इस बजट में वित्तीय क्षेत्र में काफी रिफॉर्म लाए गए हैं। जिस तरह से अर्थव्यवस्था में रिकवरी हुई है, उस तरह से ये बहुत अच्छा बजट है।" मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये बजट विकसित भारत के निर्माण का बजट है। इससे अधोसंरचना विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
FICCI के अध्यक्ष संजीव मेहता ने कहा, "व्यापार के नजरिये से दो चीजें कंसिस्टेंसी ऑफ पॉलिसी और कंसिस्टेंसी ऑफ टैक्स रेट महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने इसमें ज्यादा बदलाव नहीं किए। नए टैक्स भी लागू नहीं किए गए।"
राहुल गांधी ने आज पेश हुए बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे 'जीरोसम' बजट करार दिया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि इसमें नौकरीपेशा, मध्यमवर्ग, गरीबों और वंचितों, युवाओं और किसानों के लिए कुछ नहीं है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जिनका कोई महत्व नहीं है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट में नौकरियों के सृजन और शहरी रोजगार गारंटी का उल्लेख नहीं किया गया है। वित्त मंत्री ने मनरेगा के बजट में भी बढ़ोतरी नहीं की है, जो युवाओं की जीविका पर 'आपराधिक प्रहार' है।
1. संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों? 1/2
— Mayawati (@Mayawati) February 1, 2022