#NewsBytesExplainer: इंजन ऑयल ग्रेड क्या है और कैसे करें इसकी पहचान?
क्या आप जानते हैं कि खराब ड्राइविंग के अलावा गलत इंजन ऑयल भी आपकी कार या बाइक की माइलेज और परफॉर्मेंस पर असर डाल सकता है। शायद आप जानते होंगे कि हर गाड़ी के इंजन के लिए अलग-अलग तरह के इंजन ऑयल की जरूरत होती है। इसलिए बाजार में अलग-अलग ग्रेड के इंजन ऑयल मिलते हैं। आइये कार गाइड में जानते हैं कि इंजन ऑयल ग्रेड क्या होते हैं और कैसे इनकी पहचान की जाती है।
इंजन ऑयल ग्रेड क्या है?
इंजन ऑयल खरीदते समय आपने इसके पैक पर लगे कोड को देखा होगा। यह कोड इंजन ऑयल का ग्रेड होता है। ये मानक इंजन ऑयल की विस्कॉसिटी, मोटाई और विभिन्न तापमानों पर सही से कार्य करने की क्षमता, इंजन को सुरक्षा और इंजन की सफाई को ध्यान में रखकर बनाये गए हैं। इंजन को ठंडा, साफ और जंग-मुक्त रखने के लिए विभिन्न एडिटिव्स को ऑयल में विभिन्न अनुपात में मिलाते हैं, जिनकी जानकारी ग्रेड से मिलती है।
कैसे पता करें इंजन ऑयल ग्रेड?
इंजन ऑयल ग्रेड का पता लगाना बेहद आसान है। अधिकांश इंजन ऑयल पर ग्रेड पहचाने के लिए नंबर के 2 भाग होते हैं, जिन्हे एक हाइफन द्वारा अलग किया जाता है। पहला नंबर कम तापमान पर तेल की विस्कॉसिटी की रेटिंग है, जबकि दूसरा अधिक तापमान पर तेल की विस्कॉसिटी को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, "15W-40" ग्रेड इंजन ऑयल की विस्कॉसिटी रेटिंग कम तापमान पर 15 और उच्च तापमान पर 40 होगी।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले इंजन ऑयल ग्रेड
दुनियाभर में ऐसे 6 इंजन ऑयल ग्रेड हैं, जिनका इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। ग्रेड 0W-20, 0W-30, 0W-40, 5W-30, 5W-40 और 10W-40 ऑयल का इस्तेमाल सबसे अधिक होता है। कम तापमान पर इनकी विस्कॉसिटी रेटिंग क्रमशः 0, 0, 0, 5, 5 और 10 है। दूसरी तरफ अधिक तापमान पर विस्कॉसिटी रेटिंग क्रमशः 20, 30, 40, 30 और 40 है। भारत में भी अलग-अलग गाड़ियों में अलग-अलग ग्रेड के इंजन ऑयल का इस्तेमाल होता है।
इंजन ऑयल के प्रकार
इंजन ऑयल ग्रेड को विस्कॉसिटी, प्रदर्शन और उपयोग किए गए बेस ऑयल और एडिटिव्स के आधार पर कई प्रकार में बांटा गया है- 1: मिनरल ऑयल: ये सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले इंजन ऑयल हैं, जो कच्चे तेल से बने होते हैं। बेहतर प्रदर्शन के लिए इनमें एडिटिव्स मिलाया जाता है। 2: सिंथेटिक ऑयल: सिंथेटिक ऑयल को विभिन्न रासायनिक यौगिकों के मिश्रण से बनाया जाता है। ये मिनिरल ऑयल की तुलना में बेहतर प्रदर्शन प्रदान करते हैं।
ये भी हैं इंजन ऑयल के प्रकार
3: हाई-माइलेज ऑयल: हाई-माइलेज ऑयल से वाहनों की माइलेज में बढ़ोतरी होती है। साथ ही ये इंजनों को अतिरिक्त सुरक्षा और सफाई प्रदान करते हैं। 4: एनर्जी कन्सर्विंग ऑयल: ये ऑयल ईंधन दक्षता में सुधार और उत्सर्जन को कम करते हैं। ये तेल पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं और प्रदूषण कम करने की दिशा में एक अच्छा कदम हैं। 5: डीजल इंजन ऑयल: डीजल इंजनों के लिए उच्च विस्कॉसिटी वाले डीजल इंजन ऑयल को बनाया गया है।
इंजन ऑयल के क्या हैं फायदे?
ऑयल इंजन के महत्वपूर्ण हिस्सों को चिकनाई देता है और यह उसे गंदगी, मलबे और अन्य कार्बन पार्टिकल्स से बचाता है। इस वजह से इंजन की परफॉर्मेंस बढ़ जाती है और वह लंबे समय तक चलता है। इसके अलावा यह इंजन से उस गंदगी को बाहर निकालने में भी मदद करता है जो तेल के जमने से बनती है। यही वजह है कि कार निर्माता भी समय-समय पर इंजन ऑयल बदलने की सलाह देते हैं।
हमेशा अच्छी क्वालिटी का ऑयल ही खरीदें
आप जब भी इंजन ऑयल खरीदने जाएं तो अच्छी क्वालिटी का ही लें। इसके लिए यदि आप लेबल पर करीब से नजर डालते हैं, तो आपको API, ACEA, ILSAC जैसे विभिन्न इंजन ऑयल मानक दिखाई देंगे। ये विभिन्न मानक इंजन ऑयल के प्रदर्शन और गुणवत्ता को इंगित करते हैं। इस श्रेणी में सबसे लोकप्रिय मानक API (अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट) और ACEA (यूरोपीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) हैं। इसलिए इन मानकों को देख कर ही इन्हे खरीदें।