वाहनों के टायर में क्यों भरी जाती है नाइट्रोजन और क्या हैं इसके फायदे?
कार या बाइक के टायरों में हवा भरवाने का काम तो सभी करते हैं। आजकल आपने सुना होगा कि टायरों में साधारण हवा की जगह नाइट्रोजन भराना सही रहता है। वाहन एक्सपर्ट्स भी हाइवे पर वाहन चलाने वाले लोगों को टायरों में साधारण हवा की जगह नाइट्रोजन भरवाने की सलाह देते हैं। तो आइये जानते हैं कि वाहनों में नाइट्रोजन एयर क्यों भरी जाती है और इसके फायदे क्या हैं।
क्यों पड़ी नाइट्रोजन की जरूरत?
लंबे समय से लोग वाहनों में साधारण हवा का इस्तेमाल करते आ रहे है। इसमें 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 20 प्रतिशत ऑक्सीजन और बाकी कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें होती हैं। यह हवा गर्म होने के बाद फैलती है। इस वजह से यह टायरों पर अधिक दबाव बनाती है और इससे टायर के खराब होने की संभावना रहती है। वहीं नाइट्रोजन हवा में केवल नाइट्रोजन गैस ही होती है। यह ठंडी होती है और गर्म होने के बाद फैलती नहीं है।
टायरों में साधारण हवा से कैसे अच्छी है नाइट्रोजन?
बता दें कि ऑक्सीजन के कारण साधारण हवा में थोड़ी नमी होती है और इस वजह से यह रिम को प्रभावित करती है और इसमें जंग लगने की संभावना रहती है। नाइट्रोजन के साथ ऐसा नहीं है। यही वजह है कि फॉर्मूला वन रेसिंग कार और हवाई जहाजों के पहियों में भी नाइट्रोजन एयर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से रिम और टायरों की उम्र काफी हद तक बढ़ जाती है।
टायर फटने का खतरा रहता है कम
नाइट्रोजन की वजह से टायर हर मौसम में बेहतर परफॉर्म करते हैं। साथ ही ड्राइव करने में सुविधा रहती है। यदि आप टायर में साधारण हवा भरवाते हैं तो लंबे समय तक ड्राइव करने के दौरान उच्च तापमान के कारण टायर फटने का खतरा बढ़ जाता है। दूसरी तरफ नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायर के फटने की आशंका करीब 90 फीसदी तक कम हो जाती है और इससे ड्राइवर को परेशानी भी कम रहती है।
कहां से भरवाएं नाइट्रोजन?
नाइट्रोजन एयर किसी भी पेट्रोल पंप पर आसानी से मिल जाती है। इसके लिए प्रति टायर आपको 20 से 25 रुपये तक देने होते हैं। हालांकि, कुछ पेट्रोल पंप पर यह फ्री में भरी जाती है।
गाड़ियों में नाइट्रोजन भरवाना हो सकता है जरूरी
सरकार अब टायरों में सामान्य हवा की जगह नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही है। पिछले साल इस बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि हर साल हजारों एक्सीडेंट रोड पर टायर फटने की वजह से होते हैं। इसे देखते हुए सरकार टायर निर्माताओं को टायर में रबर के साथ सिलिकॉन और साधारण हवा की बजाय नाइट्रोजन के इस्तेमाल को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।