अब भारत में ही होगा कारों का क्रैश टेस्ट, सरकार ने दिखाई हरी झंडी
भारतीय वाहनों की मजबूती और सुरक्षा मापने के लिए भारत सरकार ने ग्लोबल NCAP की तर्ज पर भारत NCAP लाने की योजना तौयार की है। इस योजना के मसौदे को मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई है। इसकी जानकारी स्वयं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी है। ऐसे में अब वाहन निर्माताओं को देश में बन रहे वाहनों को टेस्टिंग के लिए विदेश नहीं भेजना पड़ेगा।
भारत में बनेगी टेस्टिंग के लिए संस्था
इस योजना के तहत देश में वाहन टेस्टिंग के लिए भारत NCAP नाम से एक अलग संस्था होगी, जो GNCAP की तरह कारों के टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर स्टार देगी। गडकरी ने ट्विटर पर लिखा, "मैंने अब भारत NCAP (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) शुरू करने के लिए GSR अधिसूचना के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिससे भारत में ऑटोमोबाइल की क्रैश टेस्टिंग से उनके प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएगी।"
गडकरी का ट्वीट
बिजली यंत्रों की तरह कारें भी आएंगी स्टार रेटिंग के साथ
भारत NCAP की शुरुआत से ग्राहकों को सुरक्षित कार चुनने में आसानी होगी। इससे बाजार में वाहनों पर भी अन्य उत्पादों की तरह स्टार रेटिंग मिला करेगी। जैसे AC, TV, गीजर और रेफ्रिजरेटर पर एनर्जी सेविंग स्टार होते हैं, उसी तरह अब देश में कारों पर सेफ्टी रेटिंग स्टार उपलब्ध रहेंगे। हालांकि अभी इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि योजना के लागु होने पर टेस्टिंग हर कार के लिए जरूरी होगी या ग्लोबल NCAP की तरह स्वैच्छिक रहेगी।
विदेशी नियमों से अलग होंगे देशी NCAP के नियम
खबर हैं कि भारत NCAP के नियम यहां की सड़कों और मौसम के हिसाब से बने होंगे, जिस तरह लैटिन और यूरो NCAP के नियम ग्लोबल NCAP से कुछ अलग हैं। भारत में नए NCAP नियमों के तहत कार में 6 एयर बैग अनिवार्य होंगे। नितिन गडकरी ने ट्वीट में आगे लिखा, 'भारत NCAP हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग को आत्मानिर्भर बनाने के साथ-साथ देश को दुनिया में नंबर एक ऑटोमोबाइल हब बनाने के मिशन में एक महत्वपूर्ण साधन साबित होगा।'
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत NCAP स्टार रेटिंग अगर देश बिकने वाली प्रत्येक कार मॉडल के लिए जरुरी कर दी जाती है तो इससे वाहन निर्माता मजबूरन कारों की मजबूती पर ध्यान देने लगेंगे। अन्यथा भारत NCAP के आने से ग्राहक वर्ग को कोई फायदा नहीं होगा।