कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की टिप्पणी पर अफगानिस्तान ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, बताया 'लापरवाह और गैरजिम्मेदाराना'
क्या है खबर?
कश्मीर की स्थिति को अफगानिस्तान से जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास पर अफगानिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
अफगानिस्तान ने इसे "लापरवाह, अनुचित और गैरजिम्मेदाराना" बताया है।
बता दें कि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत असद मजीद खान ने कहा था कि कश्मीर में जारी मौजूदा तनाव अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकता है।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान के जरिए अमेरिका और तालिबान में शांति वार्ता चल रही हैं।
अफगानिस्तान प्रतिक्रिया
"कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला"
मजीद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके समकक्ष और अमेरिका में अफगानिस्तान की राजदूत रोया रहमानी ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान मजीद के बयान पर सख्त आपत्ति दर्ज कराता है।
अपने बयान में उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी बयान जो कश्मीर की मौजूदा स्थिति को अफगानिस्तान शांति प्रयासों से जोड़ता है, वो लापरवाह, अनुचित और गैरजिम्मेदाराना है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है।
आरोप
"अफगानिस्तान में हिंसा को खींचना पाकिस्तान का मकसद"
रहमानी ने अपना बयान में कहा कि अफगानिस्तान को कश्मीर से जोड़ने के पीछे पाकिस्तान का मकसद अफगानिस्तान में हो रही हिंसा को और खींचना है।
उन्होंने कहा कि तालिबान के खिलाफ अपनी निष्क्रियता और उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को सही ठहराने के लिए ये पाकिस्तान का खऱाब बहाना है।
उन्होंने कहा कि मजीद का बयान दोनों सरकारों और सेनाओं ने मिलकर जो अच्छा काम किया है, उसकी भावना के खिलाफ है।
अस्थिरता
रहमानी ने कहा, अफगानिस्तान में अस्थिरता पैदा करते हैं पाकिस्तानी आतंकी संगठन
मजीद के दावे कि कश्मीर में तनाव के कारण पाकिस्तान को अपनी सेना अफगानिस्तान के साथ सीमा से हटाकर भारत के साथ सीमा पर लगानी पड़ेगी पर रहमानी ने कहा कि इससे ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि स्थिति इसके उलट है और पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी संगठन अफगानिस्तान में आते हैं और समय-समय पर उसकी स्थिरता के लिए खतरा पैदा करते हैं।
पाकिस्तान पोषित आतंकवाद
भारत और अफगानिस्तान दोनों हैं पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के पीड़ित
बता दें कि भारत और अफगानिस्तान दोनों पाकिस्तान पोषित आतंकवाद से ग्रसित रहे हैं। पाकिस्तान इधर कश्मीर में आतंकी भेजता है, वहीं उधर अफगानिस्तान में अपना महत्व बनाए रखने के लिए वहां आतंकी भेजता है।
तालिबान से भी उसकी नजदीकी है और इसी कारण अमेरिका जब अपने सेनाओं को अफगानिस्तान से बाहर निकालने की सोच रहा है तो वह तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की मदद ले रहा है।
जानकारी
तालिबान भी जता चुका है आपत्ति
इससे पहले तालिबान भी कश्मीर को अफगानिस्तान से जोड़ने पर आपत्ति दर्ज करा चुका है। उसने कहा था, "कुछ पक्षों द्वारा कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ने से संकट में सुधार नहीं होगा क्योंकि अफगानिस्तान इससे संबंधित नहीं है।"