#NewsBytesExplainer: क्या है इजरायल की 'यूनिट 8200' जिसका लेबनान में धमाकों में आ रहा नाम?
लेबनान में बीते 2 दिनों से धमाकों का दौर थमने का नहीं ले रहा है। पहले पेजर फटने से 9 लोगों की मौत हो गई और 2,500 से ज्यादा घायल हो गए। इसके एक दिन बाद वॉकी-टॉकी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में विस्फोट से 14 लोगों की मौत हो गई। लेबनान और हिज्बुल्लाह ने इसका आरोप इजरायल पर लगाया है। इस बीच इजरायल की 'यूनिट 8200' चर्चाओं में है। आइए जानते हैं ये क्या है।
क्या है 'यूनिट 8200'?
'यूनिट 8200' इजरायली रक्षा बलों (IDF) की सबसे बड़ी सैन्य इकाई है। ये इजरायल की खुफिया एंजेसी मोसाद से अलग है। इस यूनिट की जड़ें 1930 के दशक तक जाती हैं, जब 'शिम मिन 2' नामक एजेंसी की स्थापना की गई थी। धीरे-धीरे ये खुफिया यूनिट में तब्दील हो गई, जो मुख्य तौर पर तकनीक, सायबर हमले, खुफिया जानकारी जुटाने और साइबर रक्षा के अत्याधुनिक तरीकों पर काम करती है। इसे यूनिट 515 और 848 भी कहा जाता था।
कितनी ताकतवर है 'यूनिट 8200'?
1973 के योम किपुर युद्ध के बाद यूनिट का नाम बदलकर 8200 कर दिया गया। फिलहाल ये IDF की सबसे गुप्त और परिष्कृत यूनिट में से एक है। 'यूनिट 8200' हाई-प्रोफाइल खुफिया ऑपरेशन और साइबर युद्ध के संचालन के लिए जानी जाती है। ये लीक से हटकर सोचने, तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार पर जोर देती है। यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के साथ मिलकर काम करती है और इसमें करीब 5,000 सैनिक शामिल हैं।
कैसे होती है सैनिकों की भर्ती?
इस यूनिट में चुनिंदा सबसे प्रतिभाशाली युवाओं को जगह मिलती है। कम उम्र में ही ऐसे युवाओं पर नजर रखनी शुरू की जाती है। इसके बाद साइकोमेट्रिक परीक्षण, इंटरव्यू, शिक्षा और तकनीकी कौशल को लेकर कई कठिन परीक्षण किए जाते हैं। सेंटर फॉर सिक्योरिटी स्टडीज (CSS) के अनुसार, सैनिकों को संचार, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से लेकर अरबी भाषा तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। सैनिकों को हैकिंग, एन्क्रिप्शन और निगरानी जैसे जटिल कार्यों को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
स्टार्टअप की तरह है काम करने का तरीका
इस यूनिट की खास बात है कि इसमें योग्यताओं को लेकर कोई निश्चित पैमाना नहीं है। ये एक स्टार्टअप की तरह है, जिसमें छोटी-छोटी टीमें लीक से हटकर सोचने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं, ताकि रचनात्मकता को बढ़ावा दिया जा सके। यही वजह है कि इस यूनिट के कई लोग इजरायल की हर तरह की उन्नत तकनीक में अहम भूमिका निभाते हैं। इस यूनिट के पूर्व सैनिक बड़ी-बड़ी तकनीक कंपनियों के मालिक हैं।
किन-किन ऑपरेशन को अंजाम दे चुकी है यूनिट?
यूनिट 8200 स्टुटनेक्स्ट वायरस हमले में शामिल था, जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया था। 2007 में इस यूनिट ने ऑपरेशन ऑर्चर्ड चलाया था, जिसके तहत इजरायली लड़ाकू विमानों ने सीरियाई रेगिस्तान में एक रहस्यमय परिसर को नष्ट कर दिया था। कहा जाता था कि यहां परमाणु बम को लेकर काम चल रहा था। 2017 में यूनिट 8200 ने ऑपरेशन फुल डिस्क्लोजर के तहत हथियार ले जा रहे एक ईरानी जहाज को पकड़ा था।
पेजर धमाकों में क्यों आ रहा है 'यूनिट 8200' का नाम?
इजरायल ने लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाकों को लेकर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने में एक साल से ज्यादा का समय लगा। कथित तौर पर इस यूनिट की भागीदारी शुरुआती चरण में थी, जब इसने हिज़्बुल्लाह द्वारा ऑर्डर किए गए पेजर में विस्फोटक लगाने में अहम भूमिका निभाई थी।