चेन्नई: 12,000 की आबादी के दो किलोमीटर के दायरे में रखा है 740 टन अमोनियम नाइट्रेट
क्या है खबर?
लेबनान की राजधानी बेरूत के बंदरगाह पर 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में हुए धमाके के कारण 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हैं।
इस धमाके के बाद भारत के चेन्नई में रखे 740 टन अमोनियम नाइट्रेट को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।
सीमा शुल्क विभाग ने इसे जब्त किया था और कहा था कि इसका भंडारण पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि, जांच में विभाग के दावे झूठे निकले हैं।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
मामला
बेरूत धमाके के बाद जताई गई चिंता
बेरूत बंदरगाह पर एक गोदाम में छह सालों से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था। इसका इस्तेमाल खाद और विस्फोटक बनाने में होता है।
इसी सप्ताह इसमें विस्फोट हो गया था, जिसके बाद बेरूत का एक हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया।
धमाके के कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस विस्फोट के बाद चेन्नई में रखे अमोनियम नाइट्रेट को लेकर भी चिंता जताई जाने लगी।
यहां रखा 740 टन विस्फोटक 2015 में जब्त किया गया था।
मामला
चेन्नई के बाहरी इलाके में रखा गया है 740 टन अमोनियम नाइट्रेट
जानकारी के मुताबिक, पटाखा फैक्ट्री के लिए मशहूर शिवाकाशी के एक समूह के लिए लाया गया यह अमोनियम नाइट्रेट 2015 में जब्त किया गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि इसकी कीमत लगभग 1.8 करोड़ रुपये है। निर्यातक ने इस खाद बनाने के लिए इस्तेमाल करने की बात कही थी, लेकिन जांच में यह विस्फोटक स्तर का पाया गया।
तब से यह सीमा शुल्क विभाग के नियंत्रण में चेन्नई के एक बाहरी इलाके में रखा हुआ है।
बयान
विभाग ने किया रिहायशी इलाकों से दूर भंडारण का दावा
सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उनके कंटेनर डिपो में अमोनियम नाइट्रेट है। इसे अवैध रूप से आयात किया गया था। उन्होंने कहा कि विभाग इसे खत्म करने के लिए काम कर रहा है और इसकी ई-नीलामी की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं बेरूत धमाके के बाद 6 अगस्त को विभाग ने बयान जारी कर कहा कि यह केमिकल चेन्नई शहर से 20 किलोमीटर और नजदीकी रिहायशी इलाके से दो किलोमीटर दूर सुरक्षित रखा गया है।
जांच
जांच में झूठा निकला विभाग का दावा
सीमा शुल्क विभाग का इस भंडारण को शहर से दूर और सुरक्षित तरीके से रखे होने का दावा जांच में झूठ पाया गया।
दरअसल, विभाग के बयान के बाद तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) ने रिपोर्ट जारी कर कहा है कि यह खतरनाक केमिकल 12,000 लोगों की आबादी वाले दो इलाकों के दो किलोमीटर के दायरे में रखा गया है, जबकि विभाग का कहना था कि कंटेनर डिपो के दो किलोमीटर के दायरे में कोई भी रिहायशी इलाका नहीं है।
जांच
दो किलोमीटर के दायरे में रह रहे 12,000 लोग
TNPCB के मुताबिक, गुरुवार को उसके अधिकारियों और पुलिस ने कंटेनर डिपो का दौरा किया था।
इसमें पाया गया कि जिस जगह यह केमिकल रखा गया है, उससे उत्तर में सबसे नजदीकी रिहायशी इलाका मनाली न्यू टॉउन महज 700 मीटर दूर है। यहां लगभग 7,000 लोग रहते हैं।
वहीं दक्षिण में स्थित रिहायशी इलाके सदयंकुप्पम गांव की दूरी 1,500 मीटर है। यहां की आबादी लगभग 5,000 है। यानी लगभग 12,000 लोग इसके दो किलोमीटर के दायरे में रह रहे हैं।
जानकारी
37 कंटेनरों में रखा गया है केमिकल
TNPCB की रिपोर्ट में कहा गया है कि डिपो में 37 कंटेनरों में अमोनियम नाइट्रेट रखा गया है और हर कंटेनर में 20 टन केमिकल है। इसे सितंबर, 2015 में चेन्नई बंदरगाह से यहां लाया गया था।
अमोनियम नाइट्रेट
क्या होता है अमोनियम नाइट्रेट?
अमोनियम नाइट्रेट अमोनिया और नाइट्रोजन से मिलकर बनता है। यह एक गंधहीन सफेद रंग का केमिकल पदार्थ होता है।
खाद बनाने के अलावा इसका उपयोग विस्फोटक बनाने में भी होता है। यह विस्फोट में आक्सीडाइजर का काम करता है जिससे विस्फोट की ताकत कई गुना बढ़ जाती है।
इसके भंडारण में समस्या तब आती है जब ये नमी सोखने लगता है और चट्टान में बदल जाता है। फिर इसके आग के संपर्क में आने पर विस्फोट की आशंका रहती है।